जौहर यूनिवर्सिटी का गेट बचाने और जुर्माने के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे आजम खान
प्रयागराज। समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के ड्रीम प्रॉजेक्ट मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के गेट ध्वस्तीकरण और जुर्माना लगाने के आदेश की वैधता को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। आजम खान की ओर से दाखिल की गई याचिका में एसडीएम के आदेश को रद्द किए जाने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने आजम खान की याचिका को स्वीकार कर लिया है और इस पर आज यानी 31 जुलाई को सुनवाई होने की संभावना है।

क्या है मामला
गौरतलब है कि रामपुर में बने मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का गेट सार्वजनिक जमीन पर बनाया गया है। इसे लेकर रामपुर के एसडीएम ने 25 जुलाई को मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी पर 3.27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुये 15 दिन के अंदर गेट 15 तोड़ कर अवैध कब्जा हटाने को कहा था। इसी आदेश को लेकर अब आजम खान जुर्माना व गेट टूटने से बचाने के लिये इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे हैं। एसडीएम ने लोकनिर्माण विभाग की सड़क की जमीन से यूनिवर्सिटी का कब्जा हटने तक नौ लाख दस हजार रुपये प्रति माह की दर से लोक निर्माण विभाग को हर्जाना अदा करने को कहा है। यह भी कहा गया है कि यदि पंद्रह दिन में गेट नहीं हटाया गया तो उसे तोड़ दिया जाएगा।

बुरे फंसे हैं आजम
आजम खान की मुश्किल मात्र गेट विवाद को लेकर ही नहीं है। वह किसानों की जमीन अवैध रूप से हथियाने के आरोप में भी बुरी तरह से फंस चुके हैं और इस ममाले में भी एसडीएम ने आजम खान के खिलाफ आदेश दिया है। जिसके अनुसार जब तक यूनिवर्सिटी का कब्जा किसानों की जमीन पर होगा, यूनिवर्सिटी को नौ लाख 10 हजार रुपये प्रति माह की दर से लोक निर्माण विभाग को हर्जाना देना होगा। इसके अलावा एसडीएम ने गेट को लेकर सख्त आदेश जारी करते हुए कहा है कि अगर 15 दिन में यूनिवर्सिटी का गेट नहीं हटाया गया तो उसे तोड़ दिया जाएगा।
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