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पाकिस्तानी नागरिक को जेल से रिहा कर वापस भेजने का आदेश

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फाइल तस्वीर

नई दिल्ली, 02 जून। आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की बेंच ने पाकिस्तानी नागरिक तासीन अजीम उर्फ लारेब खान की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को निस्तारित करते हुए पारित किया है. तासीन अजीम को साल 2006 में लखनऊ के छावनी इलाके से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अजीम पर पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के लिए भर्ती और भारतीय सेना से जुड़े गोपनीय जानकारी इकट्ठा करने का आरोप लगा था. अजीम पर फर्जी दस्तावेजों के साथ लखनऊ में रहने का भी आरोप था.

कोर्ट ने क्या कहा?

आदेश देते हुए बेंच ने कहा, "उपरोक्त चर्चाओं (अदालत में तर्क) के आलोक में हमारा विचार है कि चूंकि दोषी ने पहले ही उसे दी गई सजा को पूरा कर लिया है और बिना किसी पासपोर्ट या वीजा के एक विदेशी नागरिक है, इसलिए उसे अगर अन्य मामले में आवश्यक न हो, तो उसे उसके देश वापस भेज दिया जाना चाहिए."

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि संविधान के अनुच्छेद 20, 21 और 22 में प्रदत्त मौलिक अधिकार भारत के गैर नागरिकों को भी हासिल है. हाईकोर्ट ने भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के मामले में निचली अदालत द्वारा अजीम को बरी किए जाने के खिलाफ उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा दायर याचिका को भी खारिज कर दिया.

भारत की जेलों में इतनी भीड़ क्यों है?

अजीम पर आरोप

अजीम पर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने, पाकिस्तान की आईएसआई के साथ साजिश करने और भारतीय सेना और देश के खिलाफ खुफिया जानकारी साझा करने सहित कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे. हालांकि, पुलिस अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं दे पाई. लेकिन उन्हें आठ साल जेल की सजा सुनाई गई, जो 2014 में पूरी हुई.

जिसके बाद उसके खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज किया गया जिसमें अजीम को चार साल की सजा हुई. यह सजा भी 30 सितंबर 2018 को पूरी हुई, लेकिन उसके बाद भी उसे जेल में ही रखा गया. अजीम ने कुल 12 साल की सजा काटी और 2018 से जेल वह जेल में है.

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भारतीय जेलों में कितने पाकिस्तानी नागरिक हैं?

अपने अपराधों के लिए सजा काटने के बावजूद भारत और पाकिस्तान दोनों में सैकड़ों लोग जेल में रहने को मजबूर हैं. हालांकि, 2008 के कांसुलर एक्सेस समझौते के तहत, दोनों देश हर साल जनवरी और जुलाई को अपने बंदियों की सूची का आदान-प्रदान करते हैं.भारत और पाकिस्तान के बीच शांति को बढ़ावा देने के लिए काम करने वाले एक गैर-सरकारी संगठन आगाज-ए दोस्ती के मुताबिक 1 जनवरी 2021 तक, वर्तमान में 263 पाकिस्तानी भारतीय जेलों में बंद हैं. इनमें से 67 ने अपनी सजा पूरी कर ली है. आगाज-ए दोस्ती के मुताबिक पाकिस्तानी जेलों में 49 भारतीय नागरिक हैं. इनमें से 32 ने अपनी सजा पूरी कर ली है, जबकि 18 कैदियों ने पांच साल पहले अपनी सजा पूरी कर ली थी.

Source: DW

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English summary
allahabad hc deport pakistani national to his country
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