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तेलंगाना का गाना गा कर मुश्किल में फंसी कांग्रेस, सांसद का इस्‍तीफा

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नयी दिल्‍ली (ब्‍यूरो)। तेलंगाना क्षेत्र के लोगों की पांच दशक पुरानी मांग को पूरा करते हुए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने मंगलवार को आंध्रप्रदेश को विभाजित कर तेलंगाना को अलग राज्य बनाने की स्वीकृति दे दी। कांग्रेस और यूपीए के इस फैसले का स्‍वागत भी हो रहा है और विरोध भी। इस निर्णय के बाद खुद कांग्रेस के अंदर दो फाड़ हो गये है और राजनीतिक कोहराम मच गया है। फैसले के खिलाफ यूनाइटेड आंध्रप्रदेश के समर्थकों ने आज सीमांध्र में बंद का आह्वान किया है। मालूम हो कि संप्रग के इस निर्णय से तेलुगूभाषी लोगों के लिए दो राज्य बन जाएंगे।

उल्‍लेखनीय है कि प्रधानमंत्री के निवास पर मंगलवार को हुई बैठक के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने कहा, "सभी दलों ने सर्वसम्मति से तेलंगाना के पक्ष में निर्णय लिया है।" बैठक में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), नेशनल कांफ्रेंस और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के नेताओं ने हिस्सा लिया। संप्रग की समन्वय समिति की बैठक के बाद कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने भी एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से आंध्र प्रदेश को विभाजित कर पृथक तेलंगाना राज्य के गठन का अनुरोध किया।

Separate Telangana
पृथक तेलंगाना के गठन की मांग वाले प्रस्ताव में सीडब्ल्यूसी ने कहा है कि अगले 10 वर्ष के लिए हैदराबाद को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की संयुक्त राजधानी रहने दिया जाए। सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद कांग्रेस के प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक की अध्यक्षता पार्टी का अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की तथा बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी हिस्सा लिया। माकन ने पारित प्रस्ताव पढ़कर बताया, "केंद्र सरकार से यह अनुरोध प्रस्तावित है कि वह पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के लिए कदम उठाए।"

आंध्र स्टेट और तेलंगाना (तब का हैदराबाद स्टेट) को मिलाकर एक नवंबर 1956 को गठित किए गए राज्य आंध्र प्रदेश के गठन के बाद से ही चले आ रहे इस मुद्दे का संप्रग के इस निर्णय के साथ ही पटाक्षेप हो गया। भाषिक आधार पर गठित आंध्र प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य होगा जिसका विभाजन होगा। राज्य बनने के बाद तेलंगाना का क्षेत्रफल 1.14 लाख वर्ग किलोमीटर होगा तथा इसकी आबादी 35.38 करोड़ होगी। आंध्र प्रदेश की 294 विधानसभा सीटों में से 117 विधानसभा सीट तेलंगाना में हैं, तथा तेलंगाना क्षेत्र से लोकसभा में 17 सांसद हैं।

सरकार के इस फैसले से कोहराम मच गया है। विशाखापट्टनम में कई आईटी दफ्तरों, आंध्र यूनिवर्सिटी कैंपस और दूसरे संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। तिरुपति शहर में कल ही बंटवारे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। वाईएसआर कांग्रेस ने बंटवारे को अलोकतंत्रिक और जनविरोधी बताया है। पार्टी ने फैसले के खिलाफ बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। उधर आंध्र प्रदेश के कांग्रेस नेताओं में भी अंसतोष खुलकर सामने आ रहा है। आंध्र कांग्रेस के नेता राज्य के बंटवारे से खुश नहीं हैं। आंध्र प्रदेश के गुंटूर से सांसद रायपति संबाशिवा राव ने पार्टी और सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ह पार्टी के 3 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है।

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English summary
Unhappy over Congress party's decision to carve out separate Telangana state, an MP and three legislators from Rayalaseema and Andhra regions Tuesday night resigned.
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