वामदलों के बिना तीसरा मोर्चा संभव ही नहीं: सीताराम येचुरी
कोलकाता। देश में तीसरा मोर्चा बनाये जाने के बारे में माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा कि वामदालों की मदद से के बिना कांग्रेस और भाजपा का कोई विकल्प ही नहीं है। उन्होने कहा कि मात्र घोषणाएं कर देने से ही मोर्चे का गठन नहीं हो जाता है। यह तभी संभव हो सकता है जब इसका निर्माण वैकल्पिक नीतियों और साझा कार्यक्रम के आधार पर बने। जिसका उद्देश्य जनता को राहत पहुंचाना हो। उन्होने यह भी स्वीकार किया कि क्षेत्रीय दल वैकल्पिक नीतियों को बनाने में अपने समर्थकों के दबाव में होते हैं।
येचुरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तीसरा मोर्चा के गठन की घोषणा को वामदल कोई प्रासंगिकता नहीं दे रहा है। उन्होने यह भी बताया कि वाम दल इन दिनों कांग्रेस और भाजपा विरोधी दलों के संपर्क में हैं। उन्होने शरद यादव से हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि शरद ने वाम दलों की प्रशंसा की थी और कहा था कि यह इस देश का नैतिक विवेक है।
वहीं भाकपा महासचिव सुधाकर रेड्डी ने कहा कि संघीय मोर्चे का प्रस्ताव ही निरर्थक है। कांग्रेस और भाजपा विरोधी दलों को साथ लाना और एक साझा नेतृत्व बनाना वामदलों के बिना संभव नहीं हैं। वैकल्पिक मोर्चा साझा नीतियों पर ही आधारित हो सकता है।
गौरतलब है कि इन दिनों कई क्षेत्रीय राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस से दूरी बनाकर एक संघीय मोर्चे का गठन करने की बात कह रहे हैं। अभी कल ही जदयू ने भाजपा से अपने रिश्ते तोड़ लिये। बताया जाता है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने के खिलाफ है वहीं भाजपा मोदी को चुनाव अभियान प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाकर अपने संकेत दे चुकी है।