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महाकुंभ: कल्पवास अधूरा छोड़ रहे कल्पवासी

By Ians Hindi
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संगम (इलाहाबाद)। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम-महाकुंभ मेले में एक माह का कल्पवास करने आए हजारों श्रद्धालु बारिश से हालात बिगड़ने के बाद अधूरा छोड़कर वापस लौट रहे हैं। इलाहाबाद में मौनी अमावस्या के बाद हुई बारिश से मेला क्षेत्र में कोई ऐसी जगह नहीं बची जहां पानी न भरा हो। सबसे ज्यादा बुरी हालत उन इलाकों की हुई जहां कल्पवासी रुके थे। कल्पवासियों की झोपड़ियों में तीन से चार फीट बारिश का पानी भर गया। कइयों की झोपड़ियां गिर गईं।

बारिश के बाद हुई दिक्कतों से परेशान कल्पवासियों ने प्रशासन पर पर्याप्त बंदोबस्त न करने का आरोप लगाया है। वे अब अपना कल्पवास अधूरा छोड़कर लौटने लगे हैं। अब तक करीब 50 हजार से ज्यादा कल्पवासी संगम छोड़कर घर का रुख कर चुके हैं। कल्पवासियों का संगम तट छोड़ने का यह सिलसिला लगातार जारी है।

कल्पवास बीच में छोड़कर अपने घर जा रहे फतेहपुर निवासी अजय कुमार शुक्ला ने कहा, "मुझे अपना कल्पवास संकल्प अधूरा छोड़ने का बहुत मलाल हो रहा है, लेकिन मैं मजबूर हूं।" देश के कोने-कोने से श्रद्धालु मोक्ष और आध्यात्मिक ऊर्जा की प्राप्ति के लिए पौष पूर्णिमा से माघी पूर्णिमा तक एक महीने संगम तट पर जप-तप करके कल्पवास करते हैं।

बहराइच जिले के महसी निवासी अंगद ने कहा, "वैसे तो हमें 25 फरवरी तक रुककर कल्पवास करना था लेकिन बारिश के चलते हुई बदइंतजामी के कारण हम वापस जाने को विवश हैं।" मौसम विभाग ने बारिश की भविष्यवाणी चार दिन पहले ही कर दी थी, लेकिन अधिकारी सिर्फ निर्देश देने तक ही सीमित रहे। कल्पवासियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई। कल्पवास अधूरा छोड़ने वाले बिहार के मधुबनी निवासी एक और श्रद्धालु राम प्रवेश ने कहा कि बिजली की व्यवस्था केवल थोड़ी संतोषजनक रही, बाकी सारे बंदोबस्त उम्मीद के मुताबिक ठीक नहीं थे। बारिश के बाद तो हालात बद से बदतर हो गए।

उधर, मेला प्रशासन हालात युद्धस्तर पर बेहतर कर देने का दावा कर रहा है। प्रशासन का कहना है कि कल्पवासियों की गंगा मां के प्रति आस्था, कल्पवास पूरा करने का दृढ़ संकल्प और पुण्य लाभ कमाने की इच्छा शाक्ति अडिग है, जिसे कल्पवासी हर हाल में पूरा करना चाहते हैं।

मेला प्रशासन की तरफ से रविवार देर शाम एक प्रेस नोट में कहा गया कि बाहर से स्नान करने के लिए आने वाले श्रद्धालु स्नान के उपरांत अपने गंतव्य की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं, लेकिन संगम नगरी में निवास करने वाले कल्पवासी अपने संकल्प पर दृढ़ हैं। वे किसी भी परिस्थिति का सामना कर अपना कल्पवास पूर्ण करने में जुटे हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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