2008 में ही जानी दुश्मन बन गये थे पौंटी व मौंटी चड्ढा
दोनों भाईयों में विवाद 2008 में शुरू हुआ था। जब पौंटी ने ओसवाल चीनी मिल को खरीदने के बाद विरोध कर रहे मजदूरों पर गोली चलवाई तथा उनके सिर मुंडवा दिए थे। हरदीप को यह बात अच्छी नहीं लगी जिसके बाद दोनों में मनमुटाव हो गया था। सूत्र बताते हैं कि अमरोहा के ओसवाल चीनी मिल के मजदूरों पर गोली चलाने तथा उनके सिर के बाल मुंडाने की घटना को लेकर ही दोनों में दुश्मनी बढ़ी थी।
दोनों भाइयों में जो दूरियां हुईं थीं वह समय के साथ बढ़ती ही चली गयीं और नौबत दुश्मनी तक आ गयी थी। ज्ञात हो कि अमरोहा की ओसवाल चीनी मिल को खरीदने को लेकर 2008-09 में पौंटी ने मिल मजदूरों पर गोली चलवा दी थी। मजदूर मिल बेचे जाने का विरोध कर रहे थे। मजदूरों का कहना था कि मिल मुनाफे में चल रही है लेकिन सरकार इसे बेचना चाहती है।
मजदूरों की आवाज को नजर अंदाज करते हुए सरकार ने औने-पौने दाम मिल को बेच दिया। मजदूरों के विरोध पर पौंटी ने मजदूरों पर गोली चलायी और उनके सिर के बाल मुंडवा दिये जबकि उसके भाई हरदीप ने इसका पुरजोर विरोध किया। इसी घटना ने दोनो भाईयों में विवाद को जन्म दे दिया। मालूम हो कि मजदूरों पर गोली चलाने को लेकर बछरायूं थाने में पौंटी के बेटे और एक अन्य व्यक्ति पर प्राथमिकी दर्ज की गयी।
पुलिस ने जांच तो शुरू की थी लेकिन पौंटी की पहुंच के आगे जांच आगे नहीं बढ़ सकी। जांच अभी चल ही रही थी कि तत्कालीन थाना प्रभारी राजा वत्स की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। अमरोहा के पूर्व सांसद हरीश नागपाल पर हुये जानलेवा हमले में भी पौंटी का नाम आया था। दोनों भाईयों के बीच मतभेद ने धीरे धीरे संपत्ति विवाद का रूप ले लिया जिसकी परिणति आज एक दूसरे पर गोली चलाने से उनकी हुई मौत से हुई।