सोनिया के जमाई पर भारी नेहरू का जमाई
नई दिल्ली। शुक्रवार को आंदोलनकारी से राजनेता बनने की तैयारी में जुटे अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस वार्ता करके देश के राष्ट्रीय दामाद राबर्ट वाड्रा के खिलाफ आग उगली। उन्हें देश के भ्रष्टाचारियों की लिस्ट में खड़ा कर दिया। केजरीवाल ने कहा है कि सोनिया के दामाद राबर्ट वाड्रा की संपत्ति चार सालों में लगभग 300 करोड़ की हो गयी है जो उन्होंने मात्र 50 लाख में डीएलएफ से खरीदी है। यही नहीं केजरीवाल ने शक जाहिर किया है कि यह सब सोनिया गांधी के इशारे पर हुआ है।
जिसके बाद से कांग्रेस एकदम से बौखला गयी है और एक सुर से चिल्ला रही है कि सारे आरोप बेबुनियाद है, वाड्रा पर लगे सारे आरोप गलत हैं। खैर केजरीवाल के आरोपों में कितना दम है और कौन सच बोल रहा है यह तो अगर जांच सही रूप में होगी तो जरूर पता चल जायेगा।
इसके अलावा वाड्रा का परिवार हमेशा से सवालों के घेरे में रहा है। वाड्रा की मां और भाई ने आत्महत्या क्यों की इसका जवाब भी आज तक मिल नहीं पाया है। सोनिया गांधी के दामाद होने की वजह से राबर्ट वाड्रा की कभी भी एयरपोर्ट पर चेकिंग नहीं होती है।
अब अगर इस हाईप्रोफाइल परिवार के दामाद की बात कर ही रहे हैं तो जरा पीछे चलते हैं और एक और राष्ट्रीय जमाई फिरोजगांधी की बात करते हैं जो प्रियंका गांधी के दादा जी और नेहरू जी के दामाद थे। गांधीवादी सोच रखने वाले फिरोज गांधी से इंदिरा गांघी ने शादी ही इसलिए की थी क्योंकि वो एक ईमानदार राजनेता थे।
फिरोज गांधी ही देश के पहले नेता थे जिन्होंने 1975 में पहली बार देश के एलआईसी घोटाले की कलई खोली थी जिसके चलते उस समय देश के वित्तमंत्री को शर्मिंदा होकर वित्तमंत्रालय छोड़ना पड़ा था। सर पर गांधी टोपी पहने फिरोज गांधी को हमेशा खद्दर के वस्त्र में देखा गया और इंदिरा जी के पति और नेहरू के दामाद होने का उन्होंने कभी भी कोई नाजायज फायदा नहीं उठाया उनका राजनैतिक करियर उनके दम पर ही आगे बढ़ा। ना तो उन्होंने देश की सत्ता में कोई पोजिशन हासिल की और ना ही कभी इस चीज का फायदा उठाया।
जबकि दूसरी ओर राबर्ट वाड्रा को गैजेट का बेहद शौक है, उनके जानने वाले कहते हैं कि वो नई कारों और बाइकों से बेइंतहा मुह्ब्बत करते हैं। विदेशी सामानों का धड़ल्ले से प्रयोग करने वाले वाड्रा अक्सर किसी महंगे होटल में ठहरना और खान-पीना पसंद करते हैं।
तस्वीर आपके सामने हैं, अंदाजा लग गया होगा कि एक ही परिवार को दो दामादों की रूप-रेखा में कितना अंतर है, एक भ्रष्टाचार को उजागर करने वाला राष्ट्रीय दामाद है तो एक सिर से पांव तक भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरा राष्ट्रीय जमाई। हालतों की तस्वीर निसंदेह रूप से कहने पर मजबूर करती हैं कि सोनिया के जमाई पर हर लिहाज से भारी है नेहरू का जमाई।
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