ऑफिस में सेक्सी जोक्स करते हैं महिला की परफॉमेंस को खराब
आपको बताते चलें कि ‘मेलबर्न बिजनेस स्कूल' की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों में यौन प्रताड़ना या उत्पीड़न से निपटने के लिए तो कानून हैं लेकिन ऐसे सेक्सी जोक्स और ऐसी बातें बोलने और ऐसा व्यवहार करने वालों को नियंत्रित करने के लिए कोई नियम नहीं है।
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि कंपनियों को ऐसी बातों और घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए ‘जोक्स नहीं बोलने चाहिए या इस तरह का मजाक न करने' की नीति अपनानी चाहिए।
‘न्यूज डॉट कॉम डॉट एयू' ने रिपोर्ट के लेखक विक्टर रोजो के हवाले से जानकारी देते हूए कहा है कि , लोगों के बीच अभी भी यह विचार है कि सेक्सी जोक्स बोलना या इस तरह की अन्य बातें करना कोई बुरी बात नही है।
इस विषय पर बोलते हुए रोजो ने कहा है कि ऐसे जोक्स का महिला कर्मचारियों के स्वास्थ्य और काम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, और धीरे-धीरे यह संस्कृति दबंगई का रूप ले लेती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि महिला को लगता है कि उसके साथ समान व्यवहार नहीं किया जा रहा है और वह वातावरण के साथ सामंजस्य नहीं बना पा रही है तो वह संस्थान में अपनी भूमिका नहीं निभा पाती है ।
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उसके अनुसार, इस तरह की परेशानियां ज्यादातर पुरूषवादी क्षेत्रों जैसे प्राकृतिक विज्ञान, इंजीनियरिंग, मेडिसीन, पुलिस, सेना, सूचना प्रौद्योगिकी, लॉ फर्म और वित्त सेवाओं में आती हैं।