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पहले दामाद और बेटी का स्वागत किया फिर काट डाला

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Honour Killing
दिल्ली (ब्यूरो)। खीरी इलाके के महुली कला गांव में दामाद और बेटी का स्वागत करने के बाद लड़की के घर वालों ने दोनों को बेरहमी से पीट-पीट कर मार डाला। इनके साथ गए एक और युवक को भी मार डाला। कुछ दिन पहले लड़की प्रतिमा चौबे गांव के एक युवक परमानंद शुक्ल के साथ प्रेम विवाह कर लिया था। बाद में घरवालों ने कहा शादी मंजूर है तो वे घर लौटे। बेटी भी अपने पिता के खतरनाक इरादे भांप नहीं सकी थी।

चौंकाने वाली बात यह है कि घर में मौत के घाट उतारने से पहले प्रतिमा और परमानंद का बाकायदा बेटी-दामाद की तरह स्वागत किया गया। ऐसा जताया गया मानो बेटी शादी के बाद पहली बार पति के साथ मायके लौटी हो। 19 फरवरी को प्रतिमा अपराधी प्रवृत्ति के प्रेमी परमानंद शुक्ला के साथ भागी तो उसका पिता विनयचंद्र चौबे तिलमिला गया था। समाज में उड़ रही हंसी के कारण वह खून के घूंट पीकर रह गया था। गांव वालों ने बताया कि एक अपराधी के लिए अपनी बेटी के बगावत करने से विनयचंद्र चौबे ऐसा बौखलाया था कि मरने-मारने की बात कर रहा था। उसने पुत्री और उसके प्रेमी को मारने की कसम खा ली थी लेकिन वह जानता था कि वे दोनों आसानी से उसके सामने नहीं आने वाले हैं। ऐसे में गुस्सा काबू में कर विनय ने पंवारी गांव जाकर परमानंद के घरवालों से मुलाकात की। उसके पिता रिटायर्ड पोस्टमास्टर प्रेमशंकर शुक्ल से कहा कि वे दोनों एक ही बिरादरी के हैं। फिर बेटे-बेटी के भागते-फिरते रहने का क्या मतलब। वे मुंबई से लौट आएं तो शादी करा दी जाए। प्रेमशंकर ने बताया कि मुंबई में उन दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली है तो विनयचंद्र ने कहा कि रीति-रिवाज से ब्याह जरूरी है। खुद लड़की के पिता ने यह बात कही तो परमानंद के पिता ने हामी भर दी। प्रेमशंकर के घर से लौटते वक्त विनयचंद्र ने उन्हें समधी कहते हुए विदाई में दो सौ रुपये थमाए।

पिता प्रेमशंकर के दबाव पर बुधवार को परमानंद मुंबई से प्रतिमा को लेकर लौटा और उसे पत्नी की तरह घर में रखा। हालांकि उसकी दूसरी पत्नी रीता भी घर में मौजूद थी। रात करीब 8 बजे प्रतिमा के पिता विनयचंद्र ने फोन किया और परमानंद से कहा कि वे दोनों घर आएं। उनके लिए कई तरह के पकवान बन रहे हैं। परमानंद प्रेमिका के पिता की साजिश नहीं समझ सका। लेड़ियारी से अनिल तिवारी को कार लेकर बुलाया और प्रतिमा संग उसके गांव महुली कला पहुंच गया। घर से पहले उन दोनों को कार से उतारकर प्रतिमा की मां समेत परिवार की महिलाओं ने पहले जल उतारने की रस्म पूरी की, फिर उन दोनों को घर ले जाया गया। अनुमान है कि घर में प्रतिमा, परमानंद और ड्राइवर अनिल को नाश्ता कराया गया क्योंकि उन तीनों की चीख-पुकार करीब आधा घंटे बाद गूंजी थीं। घर के निरीक्षण में पता चला कि खाने-पीने की वस्तुएं तो वास्तव में बनी थीं। यानी स्वागत के फुल इंतजाम के साथ ही बेटी और प्रेमी को मारने की भी पूरी तैयारी थी।

प्रतिमा चौबे का प्रेमी परमानंद कोई इश्क में दीवाना युवक नहीं था। प्रतिमा को प्रेमजाल में फंसाने से पहले ही दो शादियां रचा चुका परमानंद शुक्ला हार्डकोर क्रिमिनल था। खीरी थानाध्यक्ष एसके शर्मा ने बताया कि परमानंद केखिलाफ मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक एमएलसी की हत्या का मामला दर्ज है। मौजूदा समय में बदायूं जेल में बंद कुख्यात महेंद्र मिश्र के इशारे पर उसने इलाहाबाद और मिर्जापुर में हत्या और लूट समेत कई घटनाएं अंजाम दी। सीधी में हुएकत्ल में भी महेंद्र उसके साथ नामजद है। खीरी थाने सहित मिर्जापुर और मध्य प्रदेश में उसके खिलाफ 10 मुकदमे दर्ज हैं। कई बार पुलिस उसे गिरफ्तार कर चुकी थी। परमानंद का पहला ब्याह उसी गांव की किरन से हुआ था। तीन बेटों सूरज, सुंदरम, शिवम को जन्म देने के बाद वर्ष 2003 में किरन का देहांत हो गया। साल भर बाद ही परमानंद ने रीता से शादी कर ली जिससे बच्चे नहीं हैं। रीता के रहते ही उसने खुद से उम्र में काफी छोटी प्रतिमा को प्रेमजाल में फंसा लिया। परमानंद की खोचा गांव स्थित ननिहाल में प्रतिमा की भी रिश्तेदारी है। वहीं आते-जाते दोनों कई बार मिले। परमानंद की आपराधिक कारगुजारियों और शादीशुदा होने के बारे में पता होने के बावजूद प्रतिमा इश्क में ऐसी पागल हुई कि शादी के लिए हां कर दी। मगर उसके प्यार का दुखद अंत हो गया।

प्रतिमा और परमानंद की लव स्टोरी के दुखद अंत में लेड़ियारी का अनिल तिवारी बेवजह मारा गया। नारीबारी निवासी वीरेंद्र तिवारी के दो पुत्रों में छोटे अनिल ने लेड़ियारी में कास्मेटिक्स की दुकान खोल रखी थी। हिंडाल्को में कार्यरत बड़े भाई सुनील की शादी में मिली आल्टो कार वह किराए पर चलाता था। शुक्रवार रात वह दुकान बंद कर घर जा चुका था तभी परमानंद ने उसे फोन किया और महुली कला गांव तक चलने केलिए 400 रुपये में कार बुक की। अनिल कार लेकर कुछ देर में पंवारी गांव में उसके घर पहुंच गया। वहां से प्रतिमा और परमानंद को लेकर महुली कला ले गया। बताया जाता है कि प्रतिमा के घर में आधे घंटे बाद पिता समेत परिजनों ने हमला किया तो अनिल ने भागने की कोशिश की पर उसे खींचकर आंगन में ले जाने के बाद सिर पर गोली मार दी गई। अनिल की चीख और फायरिंग की आवाज सुनकर पड़ोसियों को शक हुआ तो पुलिस को खबर दी गई थी। प्रधान कमलेश नारायण तिवारी ने आधी रात में पुलिस को फोन से बताया था। अनिल अपने घर में कहकर गया था कि 10 मिनट में लौट आएगा, मगर परिजन रात भर इंतजार ही करते रहे। सुबह उन्हें बेहद मनहूस खबर मिली।

इस तिहरे हत्याकांड में परमानंद शुक्ला के पिता प्रेमशंकर ने प्रतिमा के पिता विनय चंद्र चौबे, चाचा अशोक और संतोष, भाइयों श्रवण और पवन तथा चचेरे भाई श्यामनारायण पर कत्ल का केस दर्ज कराया है। थानाध्यक्ष खीरी एसके शर्मा ने बताया कि नामजद आरोपियों में एक अशोक चौबे हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं। वह ज्यादातर शहर में रहते हैं। सभी आरोपी घटना के बाद से फरार हैं। महिलाएं तक घर से भागी हैं। किसी कमरे में ताला तक नहीं लगाया गया। घर से बाइक भी नदारद है जिससे माना जा रहा है कि सभी आरोपी मोटरसाइकिलों से भागे हैं। विनयचंद्र के भाई संतोष के पास दुनाली बंदूक है। वह भी नहीं मिली।

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English summary
In a gruesome incident of honour killing, a newly married couple and their acquaintance were brutally killed by girl's family members . The incident was reported from village Mauli Kala under Khiri police station.
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