सिपाही के बेटे को ही गोलियों से भून डाला
पुलिस सूत्रों ने बताया कि रोहित चौहान जनरेटर का काम करता था। 2 मार्च की शाम जनरेटर के तार को लेकर उसकी पड़ोस में रहने वाले युवक पिंकू से कहासुनी हो गई थी। 3 मार्च को पिंकू की मां ने रोहित के घर जाकर उसे मरवाने की धमकी दी। शाम को किसी काम से मार्केट गए रोहित की पिंकू व उसके दोस्तों से फिर कहासुनी हो गई। इसकी सूचना लोनी पुलिस को दी गई थी। थाने से आए दो सिपाही रोहित से चौकी आकर लिखित शिकायत देने की बात कहकर लौट गए थे। रात करीब 9.50 बजे रोहित पिता व दोस्त के साथ आई10 कार में लोनी थाने जाने के लिए निकला था। साकेत कोर्ट में तैनात रोहित के पिता हेड कांस्टेबल बिजेंद्र सिंह ने बताया कि रास्ते में भूषण फैक्ट्री के पास पिंकू, विश्वजीत, राजेंद्र, तरुण समेत 10 हथियारबंद युवकों ने उनका रास्ता रोका। कार चला रहे अमित ने बचाव में कार एक गली में मोड़ ली। यह करावलनगर थाना क्षेत्र का इलाका पड़ता है। इस बीच हमलावरों ने कार को घेरकर ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दीं। विश्वजीत ने कार की पिछली सीट पर बैठे रोहित के सिर पर शीशे से सटाकर गोली मार दी। अमित ने किसी तरह गाड़ी वहां से लोनी की इंद्रापुरी चौकी की तरफ दौड़ा ली। यूपी पुलिस गंभीर हालत में रोहित को रात करीब 10.23 बजे जीटीबी अस्पताल लेकर पहुंची। देर रात उसने दम तोड़ दिया।