क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

यह तो जाट आरक्षण आंदोलन का सिर्फ ट्रेलर है!

Google Oneindia News

हिसार/माइयड़। गांव माइयड़ में रेलवे ट्रैक के पास दो दिनों से डेरा डाले बैठे जाट सुमदाय के लोगों व प्रशासन में वार्ता विफल हो गई है। इसके बाद जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने सरकार एवं प्रशासन को 24 घंटे का फिर से अल्टीमेटम दिया है। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक की अगुवाई में रविवार को माइयड़ में रैली करने के बाद जाट समुदाय के लोग रेलवे ट्रैक के पास धरने पर बैठ गए थे।

उन्होंने प्रशासन एवं सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए मांगे पूरी न होने पर रेलवे ट्रैक जाम करने की चेतावनी दी थी। जाटों के अल्टीमेटम को देखते हुए प्रशासन की ओर से बातचीत करने के लिए दोपहर को एसडीएम अमरदीप जैन माइयड़ गांव पहुंचे लेकिन जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने यह कहते हुए बातचीत से मना कर दिया कि वे केवल डीसी से बात करेंगे। इसके बाद हिसार डीसी डा. अमित अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक अश्विनी शैणवी एवं अन्य अधिकारी माइयड़ में बातचीत के लिए पहुंचे। जाट आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से बातचीत में शामिल हुए जिला प्रधान रामभगत मलिक, धर्मपाल धारीवाल,बिनैण खाफ के नफेसिंह, फतेहाबाद से सूबेसिंह ढ़ाका एवं अमीरसिंह बिठमड़ा ने अपनी मांगे रखी।

प्रशासन के समक्ष उक्त समिति ने माइयड़ गोलीकांड में मारे गए सुनील श्योराण को शहीद का दर्जा देने,उसके शहीद स्मारक के लिए जमीन देने, पिछले आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज हुए केस रद्द करने, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सुभाष यादव पर दर्ज धारा 302 के केस को खारिज करने की कार्रवाई से जाट समुदाय को अवगत करवाने तथा समाज को आरक्षण दिए जाने की मांगे रखी। उपायुक्त डा. अमित अग्रवाल एवं पुलिस अधीक्षक अश्विनी शैणवी ने जाट समुदाय के लोगों से अपील की कि वे पहले अपना आंदोलन समाप्त करें, उसके बाद आरक्षण बारे सरकार से बातचीत करवा दी जाएगी लेकिन समिति ने पहले अपना आंदोलन समाप्त करने से मना कर दिया।

दोनों पक्षों में बातचीत सिरे न चढऩे के बाद जहां प्रशासनिक अधिकारी वापिस लौट आए वहीं जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने अपना अल्टीमेटम और 24 घंटे के लिए बढ़ा दिया। दूसरी तरफ जाट आरक्षण की मांग को लेकर विभिन्न गांवों से आए लोग रेलवे ट्रैक के पास डटे रहे। हालांकि जाट आरक्षण समिति के दो भागों में बंट जाने के बाद धरना दे रहे लोगों की संख्या काफी कम है क्योंकि एक गुट ने 23 मार्च तक किसी भी तरह के आंदोलन में भाग लेने से किनारा कर रखा है।

रेलवे ट्रैक के पास बैठे जाट समाज के लोगों ने कहा कि उनको हर बार धोखा मिला है। इस बार वो इस मुद्दे को लेकर किसी प्रकार के झांसे में नहीं आएंगे। जाट समाज के लोगों के रूख को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने बीती शाम से ही हिसार-भिवानी रेलवे रूट को हालात ठीक होने तक बंद कर दिया है वहीं इस आंदोलन के कारण आज सड़क मार्ग पर किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हुई। वाहन बेरोक-टोक रेलवे ट्रैक के पास राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजर रहे थे। पुलिस प्रशासन ने कैंट से लेकर गांव माइयड़ तथा दूसरी ओर हांसी में अपनी ओर से सभी आवश्यक प्रबंध किए हुए थे। प्रशासन आंदोलन की पल-पल की जानकारी विभिन्न सूत्रों से हासिल कर रहा था। जाटों के धरने पर मुख्य रूप से सूबेसिंह,मा. किताब सिंह, महिला अध्यक्ष निर्मला दहिया, महिला जिला प्रधान सुनहरी देवी सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

दोपहर को एक कांग्रेसी नेता व एक प्रशासनिक अधिकारी प्रदर्शनकारियों को मनाने के लिए माइयड़ पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को बातचीत करने के लिए कहा। सूत्रों के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने उनसे बातचीत करने से साफ इंकार कर दिया और कहा कि वो केवल डीसी से बातचीत करेंगे। इस पर इसकी सूचना डीसी को दी गई और इसके बाद डीसी बातचीत के लिए पहुंच गए।

भोले जाटों को हर कोई बहका लेता है : सांगवान

जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश प्रधान कैप्टन हवासिंह सांगवान ने हांसी में पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि जाट समाज के लोग भोले-भाले होते हैं और उन्हें कोई भी बहका लेता है। माइयड़ में जाटों के साथ इस समय यही हो रहा है। उन्होंने यशपाल मलिक गुट द्वारा अपने ऊपर सरकार से मिले होने के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि समाज से गद्दारी करने के सारे आरोप निराधार है। जहां तक सरकार से मिलने की बात है, जब तक वे सरकार से मिलेंगे नहीं और जाटों की वकालत नहीं करेंगे, तब तक आरक्षण मिलना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने 23 मार्च तक सभी तरह के आंदोलन स्थगित किए हुए हैं। उसके बाद यदि सरकार ने आरक्षण बारे ढुलमुल रवैया अपनाया तो करो या मरो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।


रेलवे ट्रेक रोकने को गलत -जाट महासभा

जींद। मय्यड के पास अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा रेलवे ट्रेक के पास धरना देने से रेल यातायात के ठप्प होने को अखिल भारतीय जाट महासभा ने गलत करार देते हुए कहा कि ऐसा करने वालों को राजनीतिक स्वार्थ साधने वालों के बहकावे में नहीं आना चाहिए। जाट नेता यशपाल मलिक पर आरोप लगाते हुए मान ने कहा कि यू.पी.में मलिक की दाल नहीं गली तो अब वह हरियाणा के जाटों को बरगलाने में लगे हैं। मगर प्रदेश के जाटों को पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा की जा रही कार्रवाई का इंतजार करना चाहिए। अगर फिर भ्ीा जाटों को आरक्षण नहीं मिला तो महासभा लड़ाई लड़ेगी। जाट आरक्षण मुद्दे पर एक बार फिर से राजनीति गर्मा गई है। जाट नेता पहले ही दोफाड़ हो चुके हैं तो अब वाकयुद्ध भी शुरू हो गया है।

अखिल भारतीय जाट महासभा द्वारा जाट आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले शुरू किए गए आंदोलन को गलत करार देते हुए कहा है कि अभी आंदोलन शुरू करने का समय नहीं है तथा जाटों को पिछड़ा वर्ग आयोग की कार्रवाई का इंतजार करना चाहिए। एक खास बातचीत में औमप्रकाश मान ने कहा कि इस तरह से रेलवे ट्रेक को बंद करने का कोई औचित्य नहीं है तथा यह कार्रवाई गलत है।

उन्होंने कहा कि सरकार पीछे हटती है तो ही आंदोलन किया जाना चाहिए मगर सरकार के द्वारा मामले में कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि जाटों के आरक्षण के नाम पर हवासिंह सांगवान एवं यशपाल मलिक वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने मलिक पर जाटों में फूट डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति हेतु ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने रेलवे ट्रेक को जाम की कार्रवाई को गलत क रार दिया मगर जब उनसे पूछा गया कि ऐसे लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई नहीं होनी चाहिए तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब देने की बजाय गोलमोल जवाब दिया व कहा कि कार्रवाई करना सरकार का काम है मगर जाटों को आरक्षण मिलना चाहिए। पर आंदोलन शांतिपूर्ण होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने तो महासभा से अलग होकर दो साल पहले ही काम करना शुरू किया है जबकि अखिल भारतीय जाट महासभा ने राजस्थान,दिल्ली व राजस्थान में जाटों को आरक्षण दिलवाया। उन्होंने कहा कि जाटों को केन्द्र द्वारा आरक्षण देना चाहिए। मय्यड में जारी जाट आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए मान ने कहा कि राजनीतिक स्वार्थों को साधने के लिए यह लड़ाई लड़ी जा रही है। क्योंकि 13 तारीख को तो आयोग की सुनवाई पूरी हुई है और महज छह दिन में कैसे रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सकती है।

इस पूरे मामले में राजनीतिक साजिश की बू आ रही है तथा यहां प्रादेशिक स्तर पर राजनीति हो रही है तथा यह स्टंट मात्र है। उन्होंने कहा कि जो जाटों के खिलाफ साजिश रचेगा, उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ठीक दिशा में कदम बढ़ा रही है। उन्होंने ये भी कहा कि आरक्षण जाट समाज के लिए वक्त की जरूरत है क्योंकि बिना आरक्षण के जो युवक नौकरियों व देशसेवा में होने चाहिएं थे वे अपराध की दुनिया में हैं। उन्होंने कहा की जाट समाज के लोग कोई ऐसा कदम ना उठाएं जिससे लोगों को परेशानी हों। उन्होंने माना कि पहले हुए नुकसान व अब हो रहे नुकसान के जिम्मेदार आंदोलनकारी हैं मगर उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हो,इस बारे वे कुछ नहीं बोले।

वहीं जाट समाज से जुड़े दूसरे नेताओं सुरेन्द्र,हेमंत व मानसिंह मलिक ने भी इस आंदोलन को गलत करार देते हुए कहा कि मलिक हरियाणा में खेल खेलना चाहता है तथा यू.पी.में कभी इस तरह मलिक ने रोड़ या ट्रेक जाम नहीं करवाए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बैठाए गए आयोग के फैसले का इंतजार करेंगे व मलिक का साथ दे देंगे। बहरहाल जाट आरक्षण के मुद्दे पर जाटों के बीच दिख रही फूट इस वाकयुद्ध से उजागर हो रही है। यूं भी यशपाल मलिक इस लड़ाई में अकेले से ही हैं क्योंकि समिति के प्रदेशाध्यक्ष हवासिंह सांगवान पहले ही मलिक से किनारा कर चुके हैं तथा समिति के हिसार जिले के कद्दावर पदाधिकारी भी मलिक से अलग थलग हैं। ऐसे में देखना होगा कि किस कदर जाट आरक्षण के लिए लड़ी जा रही लड़ाई मजबूती से लड़ी जाती है या आपसी फूट के चलते यह असफल हो जाता है।

हिसार, भिवानी में बस यात्रियों को रही दिन भर परेशानी

भिवानी। जाट आरक्षण के मुद्दे को लेकर जाट समुदाय के लोगों द्वारा गांव मय्यड़ के निकट डेरा डालने के कारण रेलवे द्वारा ट्रेनें रद्द किए जाने के बाद अब रोड़वेज ने भी एहतियात के तौर पर हिसार को जाने वाली बसों का रूट बदल दिया है। अब रोडवेज ने भी एहतियात के तौर पर भिवानी से हिसार जाने वाले तमाम बसों के रुटों को बदलकर भिवानी से तोशाम होकर निकालने का फैसला लिया हैं। आज से ही यह निर्णय लागू हो चुका है। विभाग द्वारा जाट आरक्षण का मुद्दा फिर से जोर पकडऩे लगा है। एक बार फिर से रेलवे तथा रोडवेज की बसों को एहतियात के तौर पर रास्ते में तबदीली कर दी है।

रेलवे ने तो भिवानी से हिसार की ओर जाने वाली तमाम गाडिय़ों को रद्द कर ही दिया हेै वही रोडवेज ने भी हिसार की ओर जाने वाली तमाम बसों के रास्ते में तबदीली कर दी है ताकि किसी प्रकार का उपद्रव होने पर रोडवेज की बसों तथा सवारियों को किसी प्रकार की समस्या ना हो। जाट आरक्षण आंदोलन के शुरू होने के बाद रेलवे द्वारा ट्रेनें रद्द किए जाने के बाद अब रोउ़वेज ने हिसार को जाने वाली बसों के रूट में तब्दीली कर दी है। रोडवेज ने रेल गाडिय़ों के बंद होने के बाद अब अतिरिक्त नौ बसें चला दी हैं। जो कि भिवानी से तोशाम होकर हिसार की ओर जाएगी।

यहां यह भी बतां दे कि भिवानी से सीधे हिसार जाने वाली बसों को केवल हांसी तक ही जाने के आदेश दिए गए हैं। रोडवेज के जिला इंस्पेक्टर जिले सिंह का कहना है कि हिसार के रुट में तबदीली की गई है। वहीं दूसरी ओर यात्रियों का कहना है कि उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि हिसार सीधे जाने पर कोई बस नहीं है। उनका कहना है कि पिछले दो घंटे से वे लोग बसों का इंतजार कर रहे हैं लेकिन कोई बस ना आने की वजह से वे काफी परेशान हैं।

यात्रियों का कहना है कि रोडवेज विभाग तो कह रहा है कि अतिरिक्त बसे चलाई हैं लेकिन उन्हें बसें कहीं दिखाई नहीं दे रही हैं। उधर रोड़वेज द्वारा भले ही अतिरिक्त बसें चलाए जाने की बात कही जा रही हो लेकिन हैरानगी की बात तो ये थी कि हिसार रूट से ही नहंी दूसरे रूटों को जाने वाली बसें भी बस स्टैंउ से गायब दिखी। जिस कारण यात्री परेशान रहे। रेलवे द्वारा हिसार के लिए ट्रेनें रद्द किए जाने व अब रोड़वेज द्वारा वाया हांसी होकर हिसार को जाने वाली बसें बंद कर वाया तोशाम होकर चलाए जाने से जहां समय ज्यादा लगेगा वहीं लोगों को अन्य परेशानियां भी होंगी।

किसान एक्सप्रैस रद्द, भिवानी से सिरसा रूट की तमाम गाडिय़ा रद्द

भिवानी। जाट आरक्षण को लेकर मययड़ के निकट जाट समुदाए के लोगों द्वारा एकत्रित होने के बाद रेलवे प्रशासन ने ऐहतियात के तौर भिवानी से हिसार व सिरसा की ओर जाने वाली तमाम गाडिय़ो को रद्द कर दिया हैं। जिससे लोगों को भी भारी परेशानियों का सामाना करना पड़ रहा हैं। रात से ही लोग कड़कड़ती ठंड में रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक खुलने की बॉट जोह रहे हैं। कल हिसार के मययड़ के निकट जाट समुदाए के लोगों के एकत्रित होने के बाद रेलवे प्रशासन ने तमाम गाडिय़ा रद्द कर दी। रेलवे प्रशासन का मनना है कि इससे कहीं रेलवे का नुकसान न हो जाएं।

रेलवे के अधिकारियों ने साफ तौर पर कह दिया हे कि जब तक टै्रक के निकट से जाट समुदाए के लोग नही हठ जाएगें तब तक वे लोग इस रुट पर टै्रन नही चलाएगें। दूसरी ओर लोगों का कहना है कि उन्हें खासी समस्यां का सामना करना पड़ रहा हैं। उन्होंने बताया कि रात से ही वे लोग स्टेशन पर बैठे है लेकिन कोई भी व्यवस्था नही की गई हैं। उन्होंने बताया कि रात से ही वे लोग यहां बैठे है रेलवे ने भी कोई व्यवस्था नही की है रात भर वे अपने बच्चों के साथ कड़कड़ाती ठंड में स्टेशन पर बैठे है। वही दूसरी ओर दिल्ली से भिवानी के रास्ते सिरसा की ओर जाने वाले यात्री भी भिवानी में आकर फंस गए। उनका कहना है कि यहां तक तो वे लोग पहुंच गए लेकिन अब उनके आगे समस्यां खड़ी हो गई हे कि वे कैसे अपने गतंव्य तक पहुंचेगें।

वही रेलवे स्टेशन पर उदघोषणा कर रहे रेलवे अधिकारियों ने बताया कि भिवानी से हिसार तथा सिरसा की तमाम गाडिय़ों को रद्द कर दिया हैं। वही रेलवे स्टेशन अधीक्षक विरेन्द्र कुमार ने बताया कि कल से ही भिवानी सिरसा के रुट को बंद कर दिया हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन यात्रियों को ले जाने से रेलवे को 20 लाख की आमदनी थी तथा मालगाडिय़ों भी अब बाधित हो गई है तो यह नुकसान करोंडो रुपए तक पहुंच गया हैं। उन्होंने बताया कि खेदड़ पॉवर स्टेशन पर कोयला ना पहुंचने से वह भी बॉधित हो सकता है तथा बिजली की समस्या भी लोगों को झेलनी पड़ सकती हैं। उन्होंने बताया कि तमाम गाडिय़ों को केवल भिवानी तक ही लाया जा रहा है इसके बाद से सभी गाडिय़ा अगामी आदेशों तक बंद है।

नहीं मिली ट्रेन, बसों में बढ़ी रही भीड़

रोहतक। जाट आरक्षण का मामला एक बार फिर से गरमा जाने से रेल यातायात भी प्रभावित हो चला है। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले लोगों द्वारा हिसार में रेलवे ट्रेक के पास पड़ाव डालने से रोहतक से होकर हिसार जाने वाली रेलगाडिय़ां पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। जिसके चलते यात्रियों को हिसार के लिए ट्रेन नसीब नहीं हो रही है। रोजाना की भांति सोमवार को भी रेल में सवार होकर हिसार जाने के लिए यात्री यहां स्टेशन पर आए लेकिन जब उनको पता चला कि यहां कोई ट्रेन हिसार नहीं जा रही है तो उनका मायूसी हाथ लगी।

घंटों इंतजार के बाद कुछ यात्री भिवानी वाली रेलगाड़ी में सवार हो गए जबकि कुछ ने सड़क मार्ग से ही हिसार जाना उचित समझा और चल दिए। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार रोहतक के रास्ते हिसार की ओर तीन गाडिय़ां जाती हैं। जिनमें किसान एक्सप्रेस, सिरसा एक्सप्रेस व गोरखधाम एक्सप्रेस शामिल हैं। इनमें से किसान एक्सप्रेस हिसार के रास्ते भटिंडा तक जाती है जबकि सिरसा एक्सप्रेस सिरसा तक व गोरखधाम एक्सप्रेस हिसार तक जाती है।

जाट आरक्षण के चलते यह तीनों गाडिय़ों रविवार देर रात से ही प्रभावित हो चली है। इस संबंध में एसएस नरेश कुमार खुराना का कहना है कि रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर किसान एक्सप्रेस को हिसार की बजाए जींद के रास्ते भटिंडा भेजा जा रहा है जबकि सिरसा व गोरखधाम एक्सप्रेस को भिवानी तक ही भेजा जा रहा है। रेलवे स्टेशन पर बैठे कुछ यात्रियों ने बताया कि अंदाजन रोहतक से रोजाना लगभग दो हजार यात्री हिसार जाते हैं।

लेकिन अब उनको भारी परेशानियां उठानी पड़ सकती है। रेल वहां तक नहीं जा रही है जबकि सड़क मार्ग से उनकी दिक्कते बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही चला तो उनकी समस्याएं और भी बढ़ सकती है। हिसार जाने के लिए ट्रेन न मिलने से यात्रियों ने बसों की ओर रुख किया। ऐसे में बसों में भी भारी भीड़ देखी गई। हिसार जाने वाली बसें खचाखच भरी हुई थी जबकि अन्य निजी वाहनों में भी सवारियों को ठूसकर भरा हुआ था। जिससे यात्रियों को परेशानी हुई।

Comments
English summary
As their talks with the district administration in Haryana's Hisar failed to reach a settlement, leaders of the Jat community called for stepping up their agitation from Tuesday even as the government warned they would be dealt with sternly.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X