पाक में उठापटक, भारत की भी मामले पर नजर
गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को कोर्ट की अवमानना का नोटिस दिया गया है। कोर्ट ने उन्हें 19 जनवरी तक उन्हें पेश होने का आदेश भी दिया है। अपनी पेशी के दौरान अगर गिलानी कोर्ट की अवमानना मामले में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाते हैं तो उन्हें अयोग्य भी करार दिया जा सकता है। जिसके बाद उन्हें 6 महीने की सजा या फिर हर्जाना सुनाया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में इस समय मेमोगेट पर भी सुनवाई चल रही है। मेमोगेट की जांच के लिए गठित आयोग सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलील पेश कर रहा है। अटॉर्नी जनरल इस मामले पर सरकार का पक्ष रखने के लिए मौजूद हैं। वहीं इस मामले को उजागर करने वाले हुसैन हक्कानी भी कोर्ट में मौजूद हैं। मेमोगेट वही कांड है जिसमें आसिफ अली जरदारी ने तख्तापलट के डर से अमेरिका से सरकार को बचाने के लिए मदद की अपील की थी।
पाकिस्तान में अगर गिलानी और जरदारी के खिलाफ मामला बनता है तो इसका असर भारत और पाकिस्तान के संबंधों पर भी पड़ेगा। वहां की सरकार पर सेना के नियंत्रण करने पर भी सस्पेंस बरकरार है। वहां अगर सेना सारी ताकत अपने हाथ में ले लेती है तो पड़ोसी देश के साथ भारत के साथ रिश्ते एक बार फिर बिगड़ सकते हैं।