संसद का शीतकालीन सत्र 22 नवंबर से, सर्वदलीय बैठक आज
सत्र शुरू होने के पूर्व आयोजित पत्रकार सम्मेलन में संसदीय कार्य मंत्री पवन बंसल ने बताया कि विपक्ष के साथ बैठक हो चुकी है। विपक्ष महंगाई के साथ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की भी बात कर रहा है। भला परस्पर विरोधी दोनों बातें एक साथ कैसे हो सकती हैं? विपक्षी दल खाद्य सुरक्षा, भ्रष्टाचार और पर्यावरण के मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे। यह संकेत भी बंसल ने संवाददाता सम्मेलन में दिए। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सरकार लोकपाल विधेयक पर संसद में खुलकर चर्चा करने को तैयार है। ह्विसल ब्लोअर विधेयक पर स्थायी समिति की सिफारिश आ चुकी है। उसके द्वारा सुझाए संशोधनों के साथ इसे सदन में पेश किया जाएगा।
आर्थिक सुधारों की दिशा में अहम माने जा रहे नए प्रत्यक्ष कर कानून से संबंधित विधेयक के पेश नहीं होने से इसके अप्रैल 2012 से लागू होने की संभावनाएं धूमिल हो गई हैं। इतना ही नहीं बहुचर्चित भूमि अधिग्रहण विधेयक के भी शीतकालीन सत्र में पेश होने की संभावना नहीं है। बंसल ने कहा कि मंत्रालय की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश नहीं की है। महत्वपूर्ण विधेयकों के पेश न होने की वजह पूछने पर उन्होंने बताया कि कुछ और विधेयक सत्र के दौरान तैयार हो जाएंगे, जिन्हें किसी भी समय पारित करने के लिए रखा जा सकता है। बंसल ने कहा कि सत्र 22 नवंबर से 21 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान सदन की कुल 21 दिन बैठकें होंगी।