गांधीगीरी तो भारतीयों के डीएनए में है: नरेन्द्र मोदी
मोदी ने ट्विटर पर लिखा है कि हममें से तमाम लोग आजादी के अहिंसात्मक आंदोलन में शामिल नहीं हुए थे। लेकिन भ्रष्टाचार विरोधी इस आंदोलन के जरिए वर्तमान के भारतीयों ने भी अहिंसा की ताकत को प्रत्यक्ष रूप से देख लिया है। इसके साथ ही मोदी का यह भी कहना है कि जो लोग अपनी मांगे मनवाने के लिए नक्सलवाद और आतंकवाद का सहारा लेते हैं, उन्हें भी अहिंसा की ताकत को स्वीकार कर लेना चाहिए। अहिंसा से भारत और भी सशक्त बनेगा।
आपको बताते चलें कि बीते कुछ सप्ताह पहले नरेन्द्र मोदी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि केंद्र सरकार अन्ना के आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है। एक बार फिर उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि केंद्र सरकार अन्ना के अनशन को दबाने के लिए अलोकतांत्रित विकल्प अख्तियार कर रही है। खैर बात कुछ भी हो मगर मोदी के इस ट्विटर ने यह साफ कर दिया है कि कहीं न कहीं मोदी को भी अब अहिंसा पर भरोसा होने लगा है। अब यह राजनीतिक पैंतरा है या फिर क्या इसका जबाब हम आपसे चाहते हैं। आप अपनी राय नीचे दिये कमेंट बाक्स में जरुर दर्ज कारायें।