परिवार को निंगमानंद का शव नहीं दूंगा : स्वामी शिवानंद
स्वामी का घर-परिवार नहीं होता
शिवानंद ने कहा कि निगमानंद 16 साल से मेरे आश्रम में थे। तब उनका परिवार कहां था। निगमानंद खुद अपने परिवार को त्याग कर आये थे। वो जब आश्रम में आये थे तो उनकी उम्र 18 साल थी जिससे पता चलता है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी बालिग व्यक्ति को बहका नहीं सकता है। निगमानंद के माता-पिता दुष्ठ लोग है, उन्हें शर्म नहीं आती है कि वो अपने शहीद संन्यासी पर गर्व करने के बजाय आंसू बहा रहे हैं। वो लोग सही नहीं है।
शिवानंद ने मीडिया को भी लताड़ते हुए कहा कि वो भी फालतू बातों को हवा दे रही है। एक साधू जो कि देश के लिए कुर्बान हो गया उसे न्याय दिलाने की जगह वो कुछ असंवैधानिक तत्वों का साथ दे रही है जो कि एकदम गलत और बेबुनियाद है।
मैं परिवार से कोई बात नहीं करूंगा
गौरतलब है कि स्वामी निंगमानंद के पिता प्रकाश झा ने स्वामी शिवानंद पर अपने बेटे को बहका कर अनशन करवाने और उसकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। परिवार वाले निंगमानंद के शव की मांग कर रहे हैं, इसलिए वो मातृसदन आश्रम के सामने धरने पर बैठे हुए है। जबकि आश्रम आज दिन में निगमानंद के शव को समाधी देने के मूड में हैं।