शशि हत्या कांड: प्रेम, यौन शोषण और हत्या की दास्तां
यह मामला है फैजाबाद का शशि हत्याकांड का। कोर्ट ने मुख्य आरोपी आनंद सेन, उनके ड्राइवर विजय सेन और सहयोगी सीमा को शशि का अपहरण कर, उसकी हत्या करने का आरोप सिद्ध हो गया है। यौन शोषण की बात को कोर्ट ने कुछ नहीं कहा है। साथ ही कोर्ट ने अपना फैसला बुधवार तक के लिए सुरक्षित कर लिया है।
मंगलवार को बसपा के मिल्लीपुर विधायक आनंद सेन यादव कोर्ट के सामने पेश हुए। आरोप था कि उन्होंने छात्रा शशि की हत्या की और उसके बाद हत्या के सबूत मिटा दिये। पुलिस की अब तक की छानबीन के मुताबिक पिछले तीन साल से जेल में सजा काट रहे आनंद सेन ने इस मामले में अपनी दबंगई दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। चलिये बात करते हैं उस कांड की जिसने बसपा पर खून के लाल छींटे छोड़ दिये।
पुलिस के आरोप पत्र के मुताबिक सेन ने दलित युवती शशि का पहले अपहरण किया और फिर उसकी हत्या कर दी। इसमें उनकी मदद की ड्राइवर विजय सेन और सीमा आजाद नाम की एक महिला ने की। सीमा आजाद जमानत पर जेल से बाहर है। मुकदमें में दो पत्रकारों समेत कुल 32 गवाहों के बयान दर्जकराये गये है। मुकदमें की खास बात यह है कि शशि का शव पुलिस अभी तक नहीं खोज पायी है लेकिन फिर भी न्यायालय में हत्या का मुकदमा चल रहा है।
मामले की शुरुआत कुछ ऐसे हुई कि डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कर्मचारी राजेन्द्र प्रसाद ने अपनी बेटी शशि की गुमशुदगी की सूचना फैजाबाद जिले के कुमारगंज थाने में 23 अक्टूबर 2007 में दर्ज करायी थी। एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी जब शशि का कुछ पता नहीं चला तो पिता ने 31 अक्टूबर 2007 को आनंद सेन के ड्राइवर विजय सेन और सीमा आजाद पर शशि की हत्या कर देने की आशंका जताते हुए नामजद रिपोर्ट लिखायी।
हत्या की जांच आगे बढ़ी तो एक बड़ा खुलासा हुआ। पुलिस ने पाया कि आनंद सेन भी इस हत्या में शामिल हैं। देखते ही देखते पुलिस जड़ तक चली गई और शशि के घर से वो लव लेटर बरामद हुए जो आनंद सेन ने उसे लिखे थे और उसने आनंद सेन को। परतें उठती गईं, तो पुलिस का शक गहरा गया कि आनंद से शशि का यौन उत्पीड़न भी करता था। सेन ने अपने बचाव में यह तक कहा कि हो सकता है शशि ने आत्महत्या कर ली हो, लेकिन जांच अधिकारियों ने एक ना सुनी, क्योंकि ना तो सुसाइड नोट बरामद हुआ और ना ही शशि का शव। सबूत के नाम पर शशि के कुछ कपड़े जो गाड़ी में पाये गये थे, सारी कहानी बयां कर रहे थे।
कोर्ट में दोषी करार दिये जाने के बाद पब्लिक प्रॉसीक्यूटर के मुताबिक आनंद के ड्राइवर विजय सेन का नार्को टेस्ट किया गया था, जिसमें पता चला कि शशि गर्भवती हो गई थी, जिस वजह से आनंद सेन उससे दूरियां बनाने लगे थे। आनंद सेन की काफी करीबी बसपा कार्यकर्ता सीमा आजाद की शशि से इसी बात को लेकर टकरार भी हुई थी।
अपहरण के ठीक पहले शशि अपनी दोस्त अर्पिता के घर गई थी। अर्पिता के पिता के मुताबिक वो उस समय घबराई हुई और जल्दी में थी। वो बार-बार कह रही थी कि कार मेरा इंतजार कर रही है। वहां से शशि को कार में विजय ही ले गया था। कार के आगे की सीट पर सीमा आजाद बैठी थीं, सीमा और शशि के बीच झगड़ा हुआ था। सीमा और विजय ने शशि की हत्या करने के बाद आनंद सेन को फोन पर जानकारी दी थी। यानी यह साफ हो गया कि विजय और सीमा ने जो कुछ भी किया वो आनंद सेन के कहने पर किया।