उत्तर प्रदेश: डाकघर में जमा होंगे बिजली के बिल
यूपीपीसीएल के चेयरमैन नवनीत सहगल ने पत्रकार वार्ता में कहा कि शुरूआती दौर में यह योजना पश्चिमांच के जिलों में प्रयोगात्मक रूप से आरंभ की जा रही है। यदि इसके नतीजे बेहतर आते हैं तो निकट भविष्य में योजना का विस्तार कर अन्य वितरण कंपनियों में भी यह सुविधा लागू की जाएगी। श्री सहगल ने बताया कि मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलन्दशहर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, जेपी नगर व रामपुर के 2358 डाकघरों को इसके लिए चुना गया है।
पत्रकार वार्ता में पश्चिमांचल वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक आशीष गोयल एवं उत्तर प्रदेश परिमण्डल के चीफ पोस्टमास्टर जनरल कर्नल कमलेश चन्द्र उपस्थित थे। श्री सहगल ने कहा कि फिलहाल जो व्यवस्था लागू है उसके तहत उपभोक्ता बिजली घर जाकर ही बिल जमा कर सकते हैं।
कई गांवों में बिजली घर दूर होने के कारण बिलों का भुगतान या तो समय पर नहीं होता या फिर होता ही नहीं है। यदि डाकघर में यह सुविधा शुरू होगी तो लोगों खासकर किसानों को काफी आसानी होगी क्योंकि विभिन्न कार्यों से डाकघर अक्सर जाता रहता है। श्री सहगल ने कहा कि बिल जमा करने पर उसे तत्काल उसकी रसीद मिल जाएगी जो बिजली विभाग में मान्य होगी।
बिजली उपभोक्ताओं को एक और राहत
यूपीपीसीएल ने प्रदेश में बिजली दरों को स्थिर रखने की सरकारी घोषणा के बाद अब उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने वर्तमान कास्ट डाटा बुक की वैद्यता को आगे बढ़ा दिया है। वर्तमान कास्ट डाटा बुक की वैद्यता बढ़ाए जाने के बाद अब उपभोक्ताओं को नया विद्युत संयोजन भी पुरानी दरों में मिलता रहेगा।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की मांग पर नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन एवं पांचों वितरण कंपनियों को इस बारे में निर्देश जारी कर दिए। आयोग ने अपने आदेश में कहा कि वर्तमान कास्ट डाटा बुक की वैद्यता 31 मार्च को समाप्त हो रही है लेकिन अग्रिम आदेशों तक यही व्यवस्था लागू रहेगी। आयोग के इस आदेश के बाद यह तय हो किया कि फिलहाल उपभोक्ताओं पर किसी प्रकार का भार नहीं बढ़ेगा। उपभोक्ता सभी प्रकार के विद्युत कार्य पुरानी दरोंं पर करा सकते हैं।