16 मार्च को हड़ताल पर रहेंगे एयर इंडिया के पायलट
अधिकारी ने कहा कि जब तक एक सेवानिवृत्त जज व दो अन्य सदस्यों की समिति अपने सुझाव प्रस्तुत नहीं करती है तब तक तनख्वाह की समता को लेकर यह अंतरिम समाधान एक कामचलाऊ समाधान होगा। पहले पायलटों का यही समूह नौ मार्च से हड़ताल पर जाने वाला था लेकिन नागरिक उड्डयन मंत्री व्यालार रवि द्वारा मामले में पहल किए जाने के बाद उन्होंने इसे स्थगित कर दिया था।
अधिकारी के मुताबिक एयरलाइन प्रबंधन के रवैए को देखते हुए पायलटों के संघ का धैर्य खोता जा रहा है और उनके पास हड़ताल के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं रह गया है। अधिकारी ने कहा, "यदि हम किसी अन्य एयरलाइन में अपनी सेवाएं देते हैं तो वहां कम से कम हमारे साथ सम्मान का व्यवहार होगा और वे हमें उचित तनख्वाह देंगे।"
इंडियन एयरलाइंस के पायलटों का समूह 'इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन' (आईसीपीए) अब एयर इंडिया के साथ शामिल हो गया है। आईसीपीए ने 23 फरवरी को नौ मार्च से हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। संघ का दावा है कि एंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया के पायलटों की तनख्वाह में अंतर के साथ उनके कामकाज की स्थितियों में भी फर्क है। संघ का कहना है कि प्रबंधन ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने पर नवंबर 2009 में हुए समझौते का उल्लंघन किया है। आईसीपीए ने 2007 में दोनों एयरलाइनों का विलय होने के बाद से बकाया राशि चुकाने की भी मांग की है।