उत्तर प्रदेश: 24 घंटे में तीन हत्याओं से दहल उठी राजधानी
प्राप्त जानकारी के अनुसार मूल रूप से बलिया के रहने वाले शिव जी चौबे की शादी लगभग 17 वर्ष पूर्व वंदना चौबे से हुई थी। शिव जी चौबे वंदना और अपने चार बच्चों के साथ प्रितिनगर मडि़यांव में किराये के मकान में रहते थे। थाना प्रभारी मडि़याव जयकरन सिंह ने बताया कि मंगलवार की रात वंदना की गला रेत कर हत्या कर दी गयी। डीआईजी लखनऊ डीके ठाकुर ने बताया कि शिव जी चौबे मानसिक तनाव में रहता था और बीती रात उसने अपने बच्चों को घर से बाहर निकाल दिया तथा धारदार हथियार से वंदना की गला रेत दी। जब वह आश्वस्त हो गया कि वंदना की मौत हो चुकी है तो वह मौक से फरार हो गया।
सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने आस-पास के इलाकों को सील कर चेकिंग शुरु कर दी मगर उसका कोई पता नहीं चल सका। वहीं दूसरी तरफ गुडम्बा इलाके में एक युवक को उसके दोस्तों ने पहले शराब पिलायी फिर नाचने पर मजबूर किया। बात नहीं मानी तो लाठियों से पीट कर मार डाला। बिहार, नेवादा के अकबरपुर थाना क्षेत्र स्थित फरहा गांव निवासी विजय गुडम्बा के पारा गांव स्थित एक ईट भट्ठे पर मजदूरी करता था। ईट भट्ठा चिनहट स्थित शाहपुर निवासी कमलेश कुमार का है। बिहार निवासी राजू और मोहन भी उसी भट्ठे पर मजदूरी करते थे। सोमवार की रात राजू व मोहन ने विजय को शराब पिलाई।
नशे में धुत होने के बाद दोनों ने विजय से कहा कि वह गाना गाकर नाचे। उसने मना कर दिया तो दोनों उससे झगड़ा करने लगे। नौबत मारपीट तक पहुंच गई। इसी दौरान राजू व मोहन ने लाठी से विजय को पीटना शुरू कर दिया। सिर पर लाठी लगी और मौके पर ही विजय की मौत हो गई। घटना के बाद शव भट्ठे के पास पड़ा रहा और मजदूर चुप्पी साधे रहे। मंगलवार को ईट भट्ठा मालिक को मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू किया। पड़ताल में सामने आया कि नाचने से मना करने पर राजू व मोहन ने विजय को मार डाला। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसीप्रकार मोहनलालगंज से काकोरी चचेरे भाई के विवाह समारोह में आए एक युवक की हत्या कर दी गई। दुबग्गा में उसका शव सड़क किनारे पड़ा मिला।
युवक की हत्या की गई या वह किसी हादसे का शिकार हुआ। मोहनलालगंज के परवर पश्चिम निवासी खुशीराम का इकलौता बेटा सतीश लोधी (19) अपने ताऊ लल्लू के बेटे पिन्टू की बारात के साथ काकोरी स्थित बेगरिया गांव आया था। सोमवार की रात बारात में सतीश सभी लोगों के साथ था। द्वारचार से लेकर जयमाल की रस्म में वह शामिल हुआ। देर रात कुछ बाराती खाना खाकर बस से परवर पश्चिम लौट गए। खुशीराम के अनुसार रात में करीब एक बजे तक सतीश उनकी नजरों के सामने था। उसके बाद खुशीराम शादी समारोह में व्यस्त हो गए। सतीश नजर नहीं आया तो उन्होंने समझा कि वह भी गांव वालों के साथ घर चला गया।
मंगलवार की सुबह करीब आठ बजे दुबग्गा पुलिस चौकी से सतीश के घर फोन गया। फोन करने वाले ने बताया कि सतीश का शव दुबग्गा इलाके में सीतापुर बाईपास पर काशीराम योजना के निकट सड़क किनारे पड़ा मिला है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सतीश के पेट व कमर में चोट के निशान थे। दोनों पैरों में तालाब की चिकनी मिट्टी लगी हुई थी। उसका मोबाइल शव के पास पड़ा हुआ था। आशंका जतायी जा रही है कि अन्यत्र उसकी हत्या कर हत्यारों ने शव सड़क किनारे फेंक दिया और भाग निकले। पुलिस ने शव के पास से मिले मोबाइल फोन के आधार पर उसकी शिनाख्त की। सतीश नादरगंज की एक सरिया फैक्ट्री में काम करता था।