एम्स दुराचार मामला : डॉक्टर का लाइसेंस रद्द, समिति करेगी जांच (लीड-1)
नई दिल्ली, 2 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बीते महीने इलाज कराने आए एक बालक के साथ अस्पताल परिसर में दुराचार करने के आरोपी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सक का पेशेवर लाइसेंस रद्द कर दिया। मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है।
एम्स के प्रवक्ता वाई.के. गुप्ता ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि दुराचार के आरोपी जूनियर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, "घटनास्थल पर मौजूद सबूतों और जांच के बाद पाया गया कि उस चिकित्सक ने वाकई पीड़ित के साथ दुराचार किया था। उस चिकित्सक की मास्टर्स ऑफ चिरुरजिकल डिग्री का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है और साथ ही उसका प्राइवेट प्रैक्टिस करने सम्बंधी लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है।"
इस बीच मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है। उम्मीद है कि समिति एम्स के अधिकारियों को अपनी अंतिम रिपोर्ट गुरुवार को देगी।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "हमें एम्स से मामले की अंतिम रिपोर्ट नहीं मिली है। उम्मीद है कि हमें रिपोर्ट गुरुवार शाम तक मिल जाएगी। इसके बाद हम कार्रवाई करेंगे।"
पुलिस ने सोमवार को आरोपी चिकित्सक श्रीजय पी. जोसुआ के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उस पर मरीज का यौन उत्पीड़न का आरोप है। पीड़ित बालक 18 जनवरी को ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ था।
उस बालक का 20 जनवरी को ऑपरेशन किया गया था। उसे चार दिन बार छुट्टी मिलनी थी लेकिन 24 जनवरी को बालक के पिता ने अस्पताल प्रशासन से शिकायत की कि उसके बेटे का 23 जनवरी की रात को यौन शोषण किया गया।
शिकायत में कहा गया कि आरोपी चिकित्सक पीड़ित को ड्यूटी रूम में लेकर गया था जबकि वह आईसीयू में भर्ती था। उसी दौरान उसने उसके साथ दुराचार किया। पिता की शिकायत पर एम्स प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।