नेपाल में प्रधानमंत्री पद के लिए चतुष्कोणीय मुकाबला
काठमांडू, 2 फरवरी (आईएएनएस)। नेपाल में तीन फरवरी को होने जा रहे प्रधानमंत्री पद के चुनाव में तराई की क्षेत्रीय पार्टियों के एक समूह द्वारा अपना उम्मीदवार उतारने के बाद 17वें चक्र का प्रधानमंत्री चुनाव चतुष्कोणीय मुकाबले में उलझ गया है।
उप प्रधानमंत्री बिजय कुमार गच्छेदार, बुधवार को नामांकन दाखिल करने के लिए निर्धारित चार बजे की समय सीमा के चंद मिनट पहले संसद पहुंचे और जुलाई से ही खाली पड़े इस शीर्ष पद के लिए उन्होंने अपना नामांकन दाखिल कर दिया।
गच्छेदार ने कहा कि वह गुरुवार के चुनाव में तराई की चार पार्टियों के प्रतिनिधि के रूप में मैदान में उतरेंगे। 601 सदस्यीय संसद में इन चारों पार्टियों के कुल 82 सदस्य हैं।
गच्छेदार ने अपना नामांकन दाखिल करने के बाद कहा, "मुझे भरोसा है कि छोटी पार्टियों के समर्थन से मैं निश्चित रूप से जीत दर्ज कराऊंगा।"
ज्ञात हो कि चकित करने वाले इस कदम के पहले तराई की पार्टियों ने बुधवार को अपनी रणनीति तय करने के लिए एक आपात बैठक बुलाई थी।
अतीत में चुनाव मैदान में रहीं तीनों प्रमुख पार्टियां तराई की इन पार्टियों को अपने-अपने खेमे में जोड़ने की कोशिश करती रही हैं। लेकिन जब इससे सम्बंधित एक आडियो टेप का खुलासा हुआ, जिसमें माओवादी मधेसी सांसदों का वोट खरीदने की कोशिश में जुटे हुए थे, तो तीनों पार्टियों ने तटस्थ रहने का निर्णय लिया।
पहले मधेसी उम्मीदवार के अलावा बाकी तीनों उम्मीदवार पुराने ही हैं।
माओवादियों के प्रमुख पुष्प कमल दहाल प्रचंड ने अपनी खुद की पार्टी के अंदर उभरे असंतोष से जूझते हुए एक बार फिर अपनी उम्मीदवारी पेश की है।
सत्ताधारी कम्युनिस्टों ने बुधवार को पार्टी प्रमुख झालानाथ खनाल का नाम अपने उम्मीदवार के रूप में औपचारिक रूप से प्रस्तावित किया।
चौथे उम्मीदवार उप प्रधानमंत्री राम चंद्र पौडल हैं, जो पिछले वर्ष प्रधानमंत्री चुनाव के 16 चक्र में मैदान में बने रहे थे। वह नेपाली कांग्रेस के उम्मीदवार हैं।
यद्यपि इस बार पौडल की उम्मीदवारी का उनकी ही पार्टी के एक नेता, पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने विरोध किया था, लेकिन पार्टी प्रमुख सुशील कोईराला ने उनके विरोध को दबा दिया।
चौथे उम्मीदवार के मैदान में आ जाने के बाद ऐसा लगता है कि गुरुवार को होने वाला 17वें चक्र का चुनाव भी विफल साबित होगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।