राजस्थान में लगातार बारिश के कारण बाढ़ का खतरा
जयपुर। देश में मानसून की लीला अपार है, कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ है। सूखे से जूझ रहे बिहार में इस रविवार मानसून की पहली बारिश हुई, वहीं दूसरे सूखाग्रस्त राज्य झारखण्ड में अब भी बारिश का नामोनिशान तक नहीं है।
समूचे उत्तर भारत में जबरदस्त बारिश के कारण आम जन जीवन बेहाल है। अकाल और सूखे का दंश झेलने वाले राजस्थान में लगातार हो रही मानसून की जोरदार बरसात से कई जिलों में छोटे बांध और एनीकट टूट जाने से बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं।
पढ़ें
बिहार
में
मानसून
मेहरबान,
खेतों
में
लौटे
किसान
सिंचाई
विभाग
के
अनुसार
पिछले
पांच
रोज
से
लगातार
हो
रही
बारिश
के
कारण
राज्य
की
तकरीबन
सभी
छोटी-बड़ी
नदियों
और
बांधों
में
पानी
काफी
तेजी
से
आ
रहा
है।
हालांकि
लगातार
सूखे
से
जूझने
वाले
यहां
के
लोगों
को
इससे
राहत
मिलने
की
उम्मीद
है।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में पूर्वी राजस्थान के कई हिस्सों में भारी बरसात होने की संभावना जताई है। टोंक की बनास नदी में करीब 10 साल बाद पानी आया है। जयपुर के चारदीवारी क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति का मुख्य जरिया रहे रामगढ़ बांध में पांच साल बाद रविवार तक 1.2 फुट पानी आया।
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टोंक, सवाई माधोपुर, दौसा, सीकर और जयपुर में रविवार को हल्की बारिश हुई लेकिन शनिवार को इन जिलों में लगातार हुई बरसात से कई गांवों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। जयपुर के कोटपुतली में 25 फुट की भराव क्षमता वाला बेरी का बांध टूट गया।
इससे आसपास के गांव के प्रभावित परिवारों को सरकारी स्कूल में ठहराया गया है। जयपुर के फागी कस्बे के समीप कई गांव पानी में घिरे हुए हैं। सीकर के नीमकाथाना में बांध टूटने से कई गांवों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। कोटा के जवाहरसागर बांध के दो गेट खोलकर शनिवार को 4,894 क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा था।