बिहार की नहरों में चरणबद्घ तरीके से पानी की आपूर्ति
राज्य के लघु जल संसाधन अधिकारियों के मुताबिक राज्य में सरकार के 1,600 नलकूप हैं। इनमें लगभग 100 नलकूप यांत्रिक दोष के कारण खराब हैं तो 142 नलकूप बिजली की वजह से बंद पड़े हुए हैं। नाबार्ड द्वारा हालांकि 2,764 नलकूप लगाये जा रहे हैं जिन्हें अगले वर्ष मार्च तक प्रारंभ करना है।
जल संसाधन मंत्री विजेन्द्र यादव कहते हैं कि सरकार संसाधनों के अनुसार किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि नहरों में कम पानी होने के कारण चरणबद्घ तरीके से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।
जलसंसाधन विभाग के सिंचाई सेल में लगे अभियंता अशोक कुमार ने आईएएनएस को मंगलवार को बताया, "सोन नदी के इंद्रपुरी बराज के मुख्य नहर में 14,450 क्यूसेक पानी उपलब्ध है। इसी से पूर्वी लिंक नहर और पश्चिमी लिंक नहर को पानी दिया जा रहा है। इसके अलावे झारखण्ड के पलामू स्थित कोयल नहर से बिहार को 300 क्यूसेक पानी प्राप्त हो रहा जिससे औरंगाबाद के किसानों को सिंचाई के लिए पानी दिया जा रहा है।"
उन्होंने बताया कि गंडक नदी के वाल्मीकी नगर बैराज से 17,770 क्यूसेक पानी नहरों को उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें पूर्वी नहर को 12,000 क्यूसेक तथा पश्चिमी नहर को 7,700 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है।
कुमार के मुताबिक कोसी नदी के वीरपुर बैराज से करीब 5,000 क्यूसेक पानी नहरों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
इधर, जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी की मानें तो कई बैराजों को नहरों में पानी देने के लिए पत्र लिखा जा रहा है जिससे किसानों को सिंचाई के लिए अधिक पानी उपलब्ध हो सके।
उल्लेखनीय है कि राज्य में बारिश की कमी को देखते हुए तीन अगस्त को राज्य के 38 जिलों में से 28 जिलों को तथा 15 अगस्त को शेष सभी जिलों को भी सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।