'लद्दाख में आवास सुविधाओं की कमी सबसे बड़ी समस्या'
ऑक्सफेम के एक अधिकारी ने मंगलवार को इस बारे में कहा कि आवासीय समस्याओं के अतिरिक्त पेयजल, स्वास्थ्य सुविधा और साफ-सफाई की बड़ी समस्या है।
ऑक्सफेम इंडिया की सीईओ निशा अग्रवाल ने कहा कि आगामी ठंड के मौसम को देखते हुए आवास की कमी को जल्दी दूर करना होगा। उन्होंने कहा कि सामान्य तारपुलीन शीट से कड़ाके की ठंड का मुकाबला नहीं किया जा सकता है। इसलिए उन्होंने सभी से इस समस्या को दूर करने के लिए हाथ बंटाने की अपील की।
अग्रवाल ने कहा कि अपने मूल्यांकन रिपोर्ट में ऑक्सफेम ने 9 गांवों के 2000 परिवारों तक पहुंचने का फैसला किया है। इनमें चोगलमसर, साबू और ताशी ग्यत्सल जैसे भी कुछ गांव है, जहां बादल फटने से सबसे अधिक तबाही हुई है।
अग्रवाल ने कहा कि आवास सुविधा बहाल करने के लिए सेना ने टेंट की आपूर्ति की है, लेकिन नवंबर और दिसंबर में तापमान काफी नीचे -30 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है।
उन्होंने कहा कि यहां आवासीय विशेषज्ञ बुलाए गए हैं, जिनसे सस्ते और जल्दी बन सकने वाले आवास की डिजाइन बनाने के लिए कहा गया है।
उधर ऑक्सफेम के ह्यूमैनिटेरियन रिस्पांस मैनेजर जुबीन जमन ने कहा कि पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए संगठन ने वाटर प्यूरिफायर लगाया है।
जमन ने कहा कि एक अन्य महत्वपूर्ण मसला सिंचाई नहरों के मरम्मत की है। इन इलाकों में 90 फीसदी सिंचाई नहरों से होती हैं, जो टूट चुकी है। यदि इन नहरों को जल्दी ठीक नहीं किया गया, तो जीविका की समस्या आ जाएगी। इसलिए इनका जल्दी मरम्मत किया जाना जरूरी है।
इस महीने की 6 तारीख की रात को इस इलाके में बादल फटने के बाद भयानक बाढ़ और भूस्खलन के कारण सरकारी भवनों, अर्धसैनिक शिविरों और रिहायशी मकानों सहित कई सीमेंट की संरचनाएं बह गईं। इस विभीषिका में कम-से-कम 165 लोग मारे गए और 500 से अधिक लोग विस्थापित हो गए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।