गरीबों को मुफ्त अनाज बांटे सरकार : सर्वोच्च न्यायालय (लीड-1)
नई दिल्ली, 12 अगस्त (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को अतिरिक्त अनाज जरूरतमंद लोगों को मुफ्त बांटने का आदेश दिया है। न्यायालय ने कहा कि इससे बेहतर कि अनाज नाले में चला जाए, इसे भूखे लोगों में बांटा जाए।
न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने कहा, "खरीद और भंडार की नीतियों में समन्वय होना चाहिए। यदि आपके पास भंडारण की क्षमता नहीं थी तो बर्बाद करने के लिए अतिरिक्त अनाज क्यों खरीदा गया?"
न्यायालय ने कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करे कि राशन की दुकानें महीने के तीसों दिन खुली रहें ताकि लोग अपनी सुविधा के अनुरूप राशन खरीद सकें। न्यायालय ने कहा कि जनजातीय और सूखा प्रभावित इलाकों में विस्तृत सार्वजनिक वितरण प्रणाली स्थापित की जाए।
न्यायालय ने गुरुवार को राज्य सरकारों से हलफनामा प्रस्तुत करने को कहा। न्यायालय ने राज्यों से पूछा कि गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले परिवारों को कितना अनाज मुहैया काराया जा रहा है।
न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने यह निर्देश तब दिया जब केंद्र सरकार ने कहा कि वह राज्यों में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले प्रत्येक परिवार के लिए 35 किलोग्राम अनाज आवंटित कर रही है।
न्यायालय ने राज्यों को दो सप्ताह का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी।
न्यायालय ने कहा कि तमिलनाडु सरकार द्वारा गरीब परिवारों में बच्चों और परिवार के सदस्यों की संख्या के आधार पर अनाज वितरित करने की नीति तर्कपूर्ण है इसे क्यों नहीं अपनाया जा रहा?
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।