भोपाल गैस त्रासदी : अर्जुन ने चुप्पी तोड़ी, सुषमा ने 'सामूहिक हत्या' बताया (राउंडअप)
बुधवार को राज्यसभा में इस मुद्दे पर बहस के दौरान अर्जुन सिंह ने कहा, "मैनें अधिकारियों को एंडरसन को गिरफ्तार करने का लिखित आदेश दिया था।"
सिंह ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से बात करने के लिए जब उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में टेलीफोन किया तब वह दौरे पर गए थे। इसके बाद 6 दिसंबर 1984 को गांधी जब भोपाल के दौरे पर आए थे तो उन्होंने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी।
सिंह ने कहा, "लेकिन राजीव जी ने इस्तीफा लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि पीड़ित लोगों को राहत उपलब्ध कराना पहली प्राथमिकता है।"
लोकसभा में भोपाल गैस त्रासदी पर नियम 193 के तहत बहस की शुरुआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने कहा, "यह त्रासदी कोई सामान्य घटना नहीं थी। यह लापरवाही की पराकाष्ठा थी। यह लापरवाही प्रशासन की ओर से जानबूझकर पैसे के लालच में की गई।"
उन्होंने कहा, "इस त्रासदी से पहले कई बार पत्रकारों ने प्रशासन को चेताया था। परंतु सत्ता में बैठे लोगों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। अधिकारी पैसा बनाने के लालच में थे और राजनेता सत्ता पर कब्जा बनाए रखने के लालच में थे। इन लोगों ने त्रासदी को होने दिया।"
नेता प्रतिपक्ष ने इस त्रासदी को 'सामूहिक हत्या' करार देते हुए कहा, "हिंदुस्तानियों की जान की कोई कीमत नहीं समझी गई और इस त्रासदी को होने दिया गया। यहां औद्योगिक लापरवाही बरतते हुए फैक्टरी (यूनियन काबाईड) को लगाने दिया गया जहां नियमों का उल्लंघन भी किया गया। यहां सुनियोजित ढंग से सामूहिक हत्या की गई।"
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि यूनियन कार्बाइड के तत्कालीन प्रमुख वॉरेन एंडरसन के देश से बाहर जाने या फिर उसका प्रत्यर्पण न हो पाने के लिए उनकी पार्टी की सरकार जिम्मेदार नहीं हैं।
तिवारी ने कहा, "नेता प्रतिपक्ष (सुषमा स्वराज) कह रही हैं कि केंद्र में कांग्रेस की सरकारें एंडरसन का प्रत्यर्पण न करा पाने के लिए जिम्मेदार हैं। मैं कहना चाहता हूं कि भाजपा छह वर्षो तक सत्ता में रही लेकिन उसने इस बारे में कोई पहल क्यों नहीं की।"
लुधियाना से सांसद तिवारी ने वर्ष 1996 के सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा, "न्यायालय के उस फैसले के बाद लगभग आठ वर्षो तक सरकार हमारी नहीं रही। भाजपा की सरकार चाहती तो इस बारे में पुनर्विचार याचिका दायर कर सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया। हमारी सरकार की ओर से इस बारे में सार्थक पहल की गई है।"
एंडरसन के देश से बाहर जाने के मसले पर उन्होंने कहा, "एंडरसन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया था जिसमें जमानत का प्रावधान होता है। ऐसे में एंडरसन छूट गया। इस बारे में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद उसे तथा अन्य दोषियों को कठोर सजा नहीं मिल सकी। किसी भी गैर कांग्रेसी सरकार ने इस फैसले को चुनौती नहीं दी।"
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने सदन में कहा कि भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के साथ हर जगह 'दगाबाजी' की गई। उन्होंने कहा कि हजारों पीड़ितों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है।
मुलायम ने कहा, "यह बहुत गंभीर मामला है। यह इंसानियत से जुड़ा है। इस त्रासदी में 25,000 लोग मारे गए। यह बहुत दुखद बात है कि भोपाल के हजारों पीड़ितों के साथ सबने हर जगह दगाबाजी की।"
गौरतलब है कि वर्ष 1984 में भोपाल की 'यूनियन कार्बाइड' की फैक्टरी से जहरीली गैस के रिसाव से हजारों लोग मारे गए थे। उस दौरान इस कंपनी का प्रमुख वॉरेन एंडरसन अमेरिका जाने में सफल रहा था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।