गुरुवार को मुंबईवासी करेंगे टैक्सी और ऑटो का बहिष्कार
कई कॉलेजों के विद्यार्थी संगठनों ने इस अभियान को सर्मथन दिया है। इनका कहना है कि चालकों को सबक सिखाने का यही एक तरीका है।
दक्षिण मुंबई के जय हिंद कॉलेज के छात्र चिराग ठक्कर का कहना है, "हमने निर्णय किया है कि हम कॉलेज जाने के लिए टैक्सी या ऑटो के बजाय अन्य सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करेंगे। मेरे एक मित्र ने सीएसटी से चर्चगेट पर स्थित हमारे कॉलेज तक पैदल आने का फैसला किया है।"
विज्ञापन एजेंसी के कर्मचारी जयदेव रूपानी, रचना बरार और अभिलाष कृष्णा ने पिछले सप्ताह 'मीटरजाम' अभियान की शुरूआत की थी। उन्होंने सोशल नेटवर्किं ग वेबसाइट्स के जरिए संदेशों का प्रचार किया था और उन्हें करीब 10,000 मुंबई वासियों की प्रतिक्रिया और समर्थन मिला था।
तीनों पेशेवरों ने अपनी वेबसाइट पर सुझाव दिया है कि लोग अपनी कारों में अन्य लोगों को लिफ्ट दें और लोगों को बस के विभिन्न मार्गो की जानकारी उपलब्ध कराएं।
चिराग शाह ने कहा, "मैं दादर से नवी मुंबई के पनवेल तक यात्रा करता हूं और मैनें रास्ते में किसी भी एक व्यक्ति को लिफ्ट देने का फैसला किया है।"
सरकारी एजेंसियों में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के लिये काम कर रहे एक स्वयंसेवी संगठन 'एक्शन फॉर गुड गवर्नेस एण्ड नेटवर्किं ग इन इंडिया' (एजीएनआई) ने भी इस अभियान को समर्थन देने का फैसला किया है और मुंबईवासियों से इस अभियान में शामिल होने की अपील की है।
एजीएनआई के सामाजिक कार्यकर्ता सुमेरा अब्दुल अली ने कहा, "टैक्सी और ऑटोचालकों ने कई बार इस शहर को परेशानी में डाला है। अब उन्हें पता चलना चाहिए कि काम दोनों पक्षों के सहयोग से होता है। मैं इस अभियान का पूरी तरह से समर्थन करता हूं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।