हरियाणा के 60 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
चण्डीगढ़। मानसून के बदलते मिजाज ने लोगों का जीना दुश्वार कर रखा है। पहले जनता बारिश ना होने और सड़ी गर्मी से परेशान थी। अब लोग मूसलाधार बारिश और बाढ़ के भय से आंकित हैं। समूचा उत्तर भारत मानसून के कोपभाजन का शिकार बना हुआ है। कहीं पानी नहीं तो कहीं पानी ही पानी।
हरियाणा के यमुनानगर जिले में लगातार मूसलाधार बारिश होने से कई छोटी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बारिश के कारण करीब 60 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं और सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है। जिले के आला अधिकारियों के मुताबिक छछरौली और बिलासपुर उपमंडलों में बाढ़ की स्थिति बेहद गंभीर है।
यमुनानगर के उपायुक्त ने कहा, "भारी वर्षा के कारण यमुनानगर में सोम और पथराला नदियों का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। इससे समीप के निचले इलाकों के गांवों को खतरा पैदा हो गया है। परंतु घबराने की आवश्यकता नहीं है, हम स्थिति पर बराबर निगाह रखे हुए हैं।" हरियाणा और पंजाब के विभिन्न हिस्सों में रविवार सुबह भारी वर्षा हुई। मौसम विभाग के अधिकारियों ने आने वाले दिनों में और अधिक बारिश की संभावना प्रकट की है।
यमुना नदी का पानी भी शनिवार को 90,000 क्यूसेक के चेतावनी के स्तर पर पहुंच गया जलस्तर के 1.10 लाख क्यूसेक पर पहुंचने पर ही बाढ़ की आशंका होगी। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले हरियाणा के अंबाला, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, सिरसा और फतेहाबाद में आई बाढ़ से लोग बहुत प्रभावित थे। बाढ़ से राज्य में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है।