क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अंतत: राठौड़ को 18 महीने का कारावास (राउंडअप)

By Staff
Google Oneindia News

पंचकुला/चण्डीगढ़, 25 मई (आईएएनएस)। बहुचर्चित रुचिका गिरहोत्रा मामले के दोषी और हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक एस. पी. एस. राठौड़ की सजा को अंतत: एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को छह महीने से बढ़ाकर 18 महीने कर दिया।

अदालत के फैसले के तत्काल बाद राठौड़ (68) को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हिरासत में ले लिया। यह अपने आप में सोचने वाली बात है कि किसी समय हरियाणा में अति ताकतवर अधिकारी रहे राठौड़ को यहां बुड़ैल जेल ले जाकर कैद कर दिया गया।

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुरबीर सिंह ने कहा कि राठौड़ को हिरासत में लिया जाना चाहिए और तत्काल बुड़ैल जेल ले जाया जाना चाहिए।

पिछले 19 वर्षों के इतिहास में यह पहला मौका है, जब राठौड़ को रुचिका छेड़खानी मामले में औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया है।

अदालत के फैसले पर रुचिका के परिजनों ने खुशी जताई है। हरियाणा के पंचकुला में रहने वाली 15 वर्षीय रुचिका के साथ अगस्त, 1990 में राठौड़ ने छेड़छाड़ की थी। इस घटना के तीन साल बाद रुचिका ने आत्महत्या कर ली थी। बीते कई वर्षो से रुचिका के परिजन न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं।

अदालत के ताजा फैसले पर खुशी जताते हुए रुचिका के पिता एस.सी. गिरहोत्रा ने संवाददाताओं से कहा, "इस फैसले से मैं बहुत खुश हूं। आज हमें इंसाफ मिला है। परंतु हमारी लड़ाई अभी जारी है। हम धारा 306 के तहत आगे अपनी लड़ाई लड़ेंगे और जब इसके अंतर्गत राठौड़ को सजा हो जाएगी, तब हम अपनी पूरी जीत मानेंगे।"

गिरहोत्रा ने कहा, "इससे जाहिर होता है कि कानून के ऊपर कोई नहीं है। यहां तक कि राठौड़ जैसे ताकतवर व्यक्ति को भी दंडित किया जा सकता है।"

राठौड़ की पत्नी और वरिष्ठ अधिवक्ता आभा राठौड़ व बचाव पक्ष के अन्य वकीलों ने अदालत के अंदर राठौड़ को तत्काल घेर लिया, जबकि रुचिका के पिता एस.सी.गिरहोत्रा, मामले में मुख्य याची आनंद एवं मधु प्रकाश और उनके वकील पंकज भारद्वाज, फैसले के बारे में मीडिया को जानकारी देने के लिए अदालत परिसर के बाहर आ गए।

राठौड़ की पत्नी ने न्यायाधीश से अपील की कि राठौड़ की बाईपास सर्जरी हुई है, लिहाजा उसे जमानत दे दी जानी चाहिए। लेकिन न्यायाधीश ने राठौड़ को गिरफ्तार करने तथा उसके स्वास्थ्य संबंधी दस्तावेजों को जेल अधीक्षक को मुहैया कराने का आदेश दिया।

बाद में एक चिकित्सक ने जेल में राठौड़ के स्वास्थ्य की जांच की। राठौड़ की पत्नी उनसे मिलने जेल पहुंची, लेकिन उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने जेल कर्मियों के माध्यम से राठौड़ की दवाइयां भिजवाई।

राठौड़ को इस बात की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि अदालत उनके साथ इस तरह का बरताव करेगी। यही कारण था कि जब मंगलवार को वह पंचकुला के सेक्टर छह स्थित अपने आवास से अदालत के लिए रवाना हुए थे तो उनके चेहरे पर मुस्कान थी और आवास के बाहर इंतजार कर रहे मीडिया कर्मियों की ओर उसने अभिवादन भरा हाथ हिलाया था। सफेद रंग की धारीदार शर्ट, पैंट, टाई और आंखों पर काला चश्मा पहने राठौड़ जब अपनी टाटा इंडिका कार में सवार होकर मीडिया के सामने से गुजरे तो उन्होंने हाथ जोड़ कर मीडिया का अभिवादन किया था।

फैसले के बाद राठौड़ और उसकी पत्नी ने अदालत से फैसले की एक प्रति मांगी, ताकि वे जमानत के लिए पंजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय में आवेदन कर सकें। लेकिन न्यायाधीश ने कहा कि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि दोषी ठहराए गए व्यक्ति को फैसले की प्रति तत्काल उपलब्ध कराई जाए।

दूसरी ओर इस मामले की प्रमुख गवाह और रुचिका की दोस्त आराधना ने एक चैनल को टेलीफोन पर बताया, "यह बड़ा दिन है। मुझे दो साल की सजा की उम्मीद थी। परंतु इस फैसले से भी हमें खुशी हुई है। यह शुरुआत भर है। आगे भी हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और राठौड़ को उसके किए की पूरी सजा मिलेगी।"

इससे पहले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने पिछले साल दिसंबर में राठौड़ को रुचिका के साथ छेड़छाड़ के मामले में दोषी ठहराया था। अदालत ने राठौड़ को छह महीने की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी और 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। सजा सुनाए जाने के बाद हालांकि उसे जल्द ही जमानत मिल गई थी।

बाद में सीबीआई ने राठौड़ की सजा बढ़ाए जाने संबंधी याचिका दायर की। सीबीआई ने राठौड़ की एक चुनौती याचिका का विरोध करते हुए उनकी सजा को छह महीने से बढ़ाकर दो वर्ष करने का अनुरोध किया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुरबीर सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं।

इस मामले में मुख्य शिकायतकर्ता और आराधना के पिता आनंद प्रकाश ने आईएएनएस से बातचीत में पहले ही कहा था, "हम चाहते हैं कि राठौड़ को ऐसी सजा मिले कि अन्य अधिकारी ऐसे अपराधों को अंजाम देने की हिमाकत न करें। हमें भारतीय न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। हमारा पक्ष बहुत मजबूत है। हमने अदालत में सभी जरूरी सबूत पेश किए हैं। हमें विश्वास है कि राठौड़ को लंबे कारावास की सजा होगी।"

फैसले पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए अधिवक्ता कीर्ति सिंह ने नई दिल्ली में कहा, "डेढ़ साल के कारावास की सजा अपनी जगह ठीक हो सकती है, लेकिन किसी लड़की के साथ छेड़खानी के दोषी को मिलने वाली अधिकतम दो साल के कारावास की सजा से यह अभी भी कम है।"

आल इंडिया डेमोकेट्रिक वूमेन एसोसिएशन (एआईडीडब्ल्यूए) की कानूनी सलाहकार सिंह ने कहा, "रुचिका को वास्तविक न्याय तब मिलेगा, जब राठौड़ के खिलाफ रुचिका को आत्महत्या के लिए मजबूर करने, उसके परिवार को प्रताड़ित करने तथा उसके भाई को झूठे मामलों में फंसाने के लिए मुकदमा चलाया जाएगा।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X