गांजा 'कारोबारी' एमेरी को 5 साल की सजा
इस अपराध के लिए उन्हें पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है। एमेरी कनाडा में नशे की पार्टियां आयोजित करता था।
करीब 20 साल पहले भारत के गांजा पीने वाले साधुओं से प्रभावित होकर एमेरी उत्तर अमेरिका में नशे की संस्कृति के सबसे बड़ा समर्थक रहा है। अब वह 52 साल का हो चुका है।
गांजे के बीजों की बिक्री से उसने अरबों डॉलर का साम्राज्य खड़ा किया। एमेरी कनाडा में नशा पार्टियों के आयोजन से लेकर, पॉट टीवी और भांग को बढ़ावा देने के लिए पत्रिका का प्रकाशन करता था।
उसने वेंकूवर और टोरंटो में भांग के बीजों को बेचने के लिए दुकान भी खोली हालांकि अमेरिका में इसकी बिक्री गैरकानूनी है।
कनाडा के कमजोर कानूनों के चलते उसे दोषी नहीं ठहराया जा सका लेकिन अमेरिका के नागरिकों को नशीले पदार्थ बेचने के आरोप में उसका प्रत्यर्पण करवाया गया। अमेरिकी एजेंसियों को पिछले गुरुवार को उसे सौंप दिया गया।
अमेरिका के सिएटल की जिला अदालत में अपना जुर्म कबूल करने पर उसे पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है।
एमेरी के मुताबिक 1992 में भारत की यात्रा से लौटने के बाद उसे उत्तरी अमेरिका में इस तरह कानून के उल्लंघन की प्रेरणा मिली।
एमेरी ने कहा, "पुष्कर में साधु खुलेआम गांजा पीते हैं, कोई पुलिसवाला उन्हें नहीं रोकता। बनारस में साधु गांजा और भांग के आदी हैं। यहां उत्तर अमेरिका में नशे का कारोबार रोकने के लिए लाखों डॉलर खर्च किए जाते हैं लेकिन भारत में साधुओं को कोई नहीं रोकता है।"
एमेरी ने कहा, "वहां कोई रोक-टोक नहीं है। मैं भारत से बहुत प्रभावित हुआ।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।