रुचिका प्रकरण: राठौड़ जेल में, 18 महीने की सजा (लीड-2)
अदालत के फैसले पर रुचिका के परिजनों ने खुशी जताई है। हरियाणा के पंचकुला में रहने वाली 15 वर्षीय रुचिका के साथ अगस्त, 1990 में राठौड़ ने छेड़छाड़ की थी। इस घटना के तीन साल बाद रुचिका ने आत्महत्या कर ली थी। बीते कई वर्षो से रुचिका के परिजन न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं।
अदालत के ताजा फैसले पर खुशी जताते हुए रुचिका के पिता एस.सी. गिरहोत्रा ने संवाददाताओं से कहा, "इस फैसले से मैं बहुत खुश हूं। आज हमे इंसाफ मिला है। परंतु हमारी लड़ाई अभी जारी है। हम धारा 306 के तहत आगे अपनी लड़ाई लड़ेंगे और जब इसके अंतर्गत राठौड़ को सजा हो जाएगी, तब हम अपनी पूरी जीत मानेंगे।"
दूसरी ओर इस मामले की प्रमुख गवाह और रुचिका की दोस्त आराधना ने एक चैनल को टेलीफोन पर बताया, "यह बड़ा दिन है। मुझे दो साल की सजा की उम्मीद थी। परंतु इस फैसले से भी हमें खुशी हुई है। यह शुरुआत भर है। आगे भी हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और राठौड़ को उसके किए की पूरी सजा मिलेगी।"
इससे पहले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने पिछले साल दिसंबर में राठौड़ को रुचिका के साथ छेड़छाड़ के मामले में दोषी ठहराया था। अदालत ने राठौड़ को छह महीने की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी और 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। सजा सुनाए जाने के बाद हालांकि उसे जल्द ही जमानत मिल गई थी।
बाद में सीबीआई ने राठौड़ की सजा बढ़ाए जाने संबंधी याचिका दायर की। सीबीआई ने राठौड़ की एक चुनौती याचिका का विरोध करते हुए उनकी सजा को छह महीने से बढ़ाकर दो वर्ष करने का अनुरोध किया। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुरबीर सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं।
इस मामले में मुख्य शिकायतकर्ता और आराधना के पिता आनंद प्रकाश ने आईएएनएस से बातचीत में पहले ही कहा था, "हम चाहते हैं कि राठौड़ को ऐसी सजा मिले कि अन्य अधिकारी ऐसे अपराधों को अंजाम देने की हिमाकत न करें। हमें भारतीय न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। हमारा पक्ष बहुत मजबूत है। हमने अदालत में सभी जरूरी सबूत पेश किए हैं। हमें विश्वास है कि राठौड़ को लंबे कारावास की सजा होगी।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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