सहकारिता आंदोलन के पक्षधर थे रवीन्द्रनाथ ठाकुर : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर के 150वें जन्म दिवस समारोह मनाए जाने के लिए गठित राष्ट्रीय समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर केवल भारत के ही नहीं बल्कि पूरी मानव जाति के प्रिय थे। उनकी रचनाएं पूरी दुनिया में और विभिन्न भाषाओं में पढी़ जाती हैं। मनमोहन सिंह ने कहा कि गुरुदेव की रचनाओं का अन्य भाषाओं में भी अनुवाद किया जाना चाहिए क्योंकि उनका संदेश बहुत प्रासंगिक है और सभी मतों को मानने वाले लोगों को आकर्षित करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब इस वर्ष जनवरी में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत पधारी थीं तो हम दोनों ने तय किया था कि गुरुदेव का जन्म समारोह वर्ष 2011 में संयुक्त रूप से मनाया जाए। उन्होंने कहा कि अब समारोह के लिए गठित राष्ट्रीय समिति को यह देखना है कि इस प्रतिबद्धता को कैसे पूरा किया जाए और बांग्लादेश में रहने वाले गुरुदेव के अनुयायियों को समारोह से कैसे जोड़ा जाए।
बैठक में राष्ट्रीय समिति के सदस्यों में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी, विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा, मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल, सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, डा. कर्ण सिंह, संस्कृति पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष सीताराम येचुरी तथा पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और असम के मुख्यमंत्रियों के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
इनके अलावा बुद्धिजीवियों में साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. यू.आर. अनन्तमूर्ति, फिल्म निर्देशक अडूर गोपालकृष्णन, आलोचक प्रो. नामवर सिंह, ललित कला अकादमी के अध्यक्ष अशोक वाजपेयी, संगीत नाटक अकादमी के कार्यवाहक अध्यक्ष रतन थियम, विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजतकांत राय और रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. करुणा सिंधु दास ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
इंडो-एशियन न्यूज एजेंसी।