चक्रवात के असर से तटीय आंध्र में मूसलाधार बारिश (लीड-1)
प्रचंड हवाओं के साथ हो रही मूसलाधारी बारिश ने छह तटीय जिलों में कहर बरपाया है। तेज हवाओं की वजह से बिजली के खंबे, ट्रांसफार्मर और संचार टॉवरों के उखड़ने की वजह से यहां के 11 शहर और 1500 गांव अंधेरे में डूब गए।
कृष्णा जिले के तटीय शहर मछलीपट्टनम के बड़े हिस्से में मूसलाधार बारिश के कारण पानी भर गया है। प्रकाशम जिले के ओंगोले शहर के बड़े हिस्से और गुंटूर जिले बापटाला में पानी भर गया है।
बस अड्डों, दुकानों और अस्पतालों में एक से दो फुट पानी भर गया है। दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों में सड़क और रेल यातायात चरमरा गया है।
मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दक्षिणी आंध्र प्रदेश के बापटाला से गुजरते समय चक्रवाती तूफान संभवत: ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाएगा। मौसम विभाग के बुलेटिन में कहा गया है कि तेज हवाओं और चक्रवात के कमजोर पड़ने का संकेत है।
चक्रवाती तूफान ओंगोले से 50 किलोमीटर पूर्व, बापताला से 50 किलोमीटर दक्षिण और मछलीपट्टनम से 70 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में केंद्रित है। इसके उत्तर पश्चिमी से उत्तरी दिशा में बढ़ने और 50 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम मछलीपट्टनम से आंध्र प्रदेश तट पार कर जाने का अनुमान है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का अनुमान है कि अगले 36 घंटों में राज्य के तटीय इलाकों में तेज से भारी बारिश और इक्का-दुक्का स्थानों पर बेहद मूसलाधार बारिश होने की संभावना है।
100-110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से जबरदस्त हवाएं चल सकती हैं। आईएमडी ने 1.5-2 मीटर तक लहरे उठने और गुंटूर, कृष्णा और पश्चिमी और पूर्वी गोदावरी जिलों में पानी भरने की चेतावनी दी है।
चक्रवाती तूफान की वजह से तटीय जिलों में सैंकड़ों एकड़ तक के क्षेत्र में आम, केला और बागानों में लगने वाले फसलें नष्ट हो गई हैं।
प्रशासन ने गुंटूर, कृष्णा, पश्चिमी और पूर्वी गोदावरी जिलों के 777 गांवों के लोगों को तूफान के मद्देनजर सतर्क किया है।
इसके अलावा 50,000 से ज्यादा लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है जबकि हजारों अन्य स्वयं सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के 500 से ज्यादा कर्मियों को नौकाओं और राहत के अन्य साजोसामान के साथ मुस्तैद हैं। इसके अलावा चार हेलीकॉप्टर तैयार रखे गए हैं।
भारी बारिश से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 25 से अधिक मछुवारे लापता बताए जा रहे हैं।
लैला के कारण तटीय आंध्र प्रदेश में रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। रेलवे ने 35 यात्री रेलगाड़ियों को रद्द करने के साथ ही कुछ के मार्गो में बदलाव किया है। तूफान के तटीय आंध्र को पार करने के समय अन्य रेलगाड़ियों की रफ्तार घटाकर 60 किलोमीटर प्रति घंटा करने का निर्णय लिया गया है।
लगातार बारिश और तेज हवाओं के कारण अनेक रेलगाड़ियां निर्धारित समय से कई घंटे विलंब से चल रही हैं। प्रकाशम जिले के ओंगोल कस्बे में पटरियां बाढ़ में डूबने से रेल सेवा प्रभावित हुई।
विजयवाड़ा जिले में सभी पैसेंजर रेलगाड़ियां रद्द कर दी गई हैं। जिन महत्वपूर्ण रेलगाड़ियों को रद्द किया गया है उनमें चेन्नई-हावड़ा कोरोमंडल एक्सप्रेस, कृष्णा-तिरुपति पुरी एक्सप्रेस, राजमुंदरी-विशाखापट्टनम पैसेंजर, तिरुपति-आदिलाबाद कृष्णा एक्सप्रेस और तिरुपति-बिलासपुर पैसेंजर रेलगाड़ियां शामिल हैं।
हावड़ा-हैदराबाद ईस्ट कोस्ट एक्सप्रेस पांच घंटे विलंब से चल रही है जबकि चेन्नई-विजयवाड़ा जन शताब्दी एक्सप्रेस को नेल्लौर से वापस चेन्नई लौटा दिया गया।
भारी वर्षा के कारण विशाखापट्टनम-गुंटूर सिंहाद्री एक्सप्रेस और हावड़ा-हैदराबाद विशेष रेलगाड़ी को पूर्वी गोदावरी जिले के टूनी में रोक दिया गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*