कसाब की फांसी का समय कानूनी प्रक्रिया तय करेगी : जीके पिल्लई
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पूरे
एक
साल
टल
सकती
है
कसाब
की
फांसी
समाचार
चैनल
'सीएनएन-आईबीएन'
से
एक
बातचीत
के
दौरान
जीके
पिल्लै
ने
कसाब
की
फांसी
से
संबंधित
महत्वपूर्ण
बातें
कहीं।
पिल्लै
बोले
"सब
कुछ
इस
बात
पर
निर्भर
करता
है
कि
कसाब
उच्च
न्यायालय,
सर्वोच्च
न्यायालय
और
फिर
दया
याचिका
के
लिए
जाता
है
अथवा
नहीं।
केंद्रीय गृह सचिव जीके पिल्लै ने कहा है "अगर आतंकवादी अजमल आमिर कसाब मुंबई की विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ अपील नहीं करता है तो इस साल उसे फांसी दी जा सकती है।" इसका मतलब है कि अब इस साल कसाब को फैंसी होना ना होना सिर्फ उस पर निर्भर करता है। पिल्लै कहते हैं कि अगर वह कहीं भी अपील नहीं करता तो मेरा मानना है कि इस साल उसे फांसी दी जा सकती है।"
उल्लेखनीय है कि मुंबई की विशेष अदालत ने मुंबई आतंकी हमले के 80 से अधिक आरोपों में कसाब को दोषी करार दिया है। अदालत ने चार मामलों में उसे मौत की सजा सुनाई है। अदालती दरवाजे बंद होने के बाद भी कसाब के पास राष्ट्रपति की क्षमा याचिका का आखिरी विकल्प होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक मौजूदा समय में 28 दया याचिकाएं राष्ट्रपति कार्यालय में विचाराधीन हैं।