भाजपा व झामुमो के अलग-अलग राग (राउंडअप)
नई दिल्ली/रांची, 8 मई (आईएएनएस)। झारखण्ड में पिछले एक पखवाड़े से जारी राजनीतिक संकट शनिवार को उस समय नया मोड़ ले लिया, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि राज्य में वह झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के समर्थन से अकेले राज करेगी, जबकि दूसरी ओर झामुमो की ओर से एकतरफा घोषणा की गई कि दोनों पार्टियां बारी-बारी से शासन करेंगी।
कई दिनों से जारी राजनीतिक अनिश्चितता और बंद कमरे में चली वार्ताओं के बाद भाजपा ने नई दिल्ली में घोषणा की कि वह झामुमो और आल झारखण्ड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) के समर्थन से झारखण्ड में सरकार बनाएगी।
भाजपा नेता अनंत कुमार ने नई दिल्ली में कहा कि भाजपा, झामुमो और आजसू में इस बात पर सहमति बनी है कि झारखण्ड में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की नई सरकार का नेतृत्व विधानसभा के बाकी बचे साढ़े चार साल के कार्यकाल के लिए भाजपा करेगी।
झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन ने नई दिल्ली से रांची पहुंचने के बाद यह कह कर सभी को चौंका दिया कि झामुमो व भाजपा राज्य में बारी-बारी से शासन करेंगे।
नई दिल्ली से लौटने के बाद सोरेन ने रांची हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, "मैं दो-चार दिनों के भीतर इस्तीफा दे दूंगा। भाजपा और झामुमो राज्य में बारी-बारी से शासन करेंगे।"
सोरेन के इस बयान के तत्काल बाद नई दिल्ली में भाजपा उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने सोरेन की घोषणा पर आश्चर्य प्रकट किया। नकवी ने कहा, "इस तरह की व्यवस्था पर चर्चा नहीं हुई है।"
इसके पहले शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन और आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो ने भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी से नई दिल्ली में मुलाकात की थी और राज्य में जारी संकट को समाप्त करने को लेकर चर्चा की थी।
अनंत कुमार ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया था कि गठबंधन के तीनों साझेदारों ने भाजपा के नेतृत्व में झारखण्ड में नई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के गठन पर आम सहमति जताई है।
इसके बाद हेमंत सोरेन ने संवाददाताओं से कहा था, "हमारा राज्य पिछले नौ वर्षो से संकट में है। इसलिए हमने नई सरकार के गठन का फैसला किया है और नया मुख्यमंत्री भाजपा द्वारा तय किया जाएगा।"
महतो ने कहा था, "हमने झारखण्ड में एक टिकाऊ और मजबूत सरकार के लिए भाजपा के नेतृत्व में एक नई सरकार के गठन का निर्णय लिया है।"
महतो ने कहा था कि निर्णय इस लिहाज से लिया गया है ताकि गठबंधन सरकार अपना कार्यकाल पूरा करे। "अन्य नियम व शर्तें अभी तय की जानी हैं। हम एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करेंगे।"
लेकिन इसके कुछ ही घंटे बाद शिबू सोरेन ने अपनी एकतरफा घोषणा कर दी।
ज्ञात हो कि राज्य में राजनीतिक संकट उस समय शुरू हुआ है, जब मुख्यमंत्री शिबू सोरेन द्वारा 27 अप्रैल को संसद में भाजपा द्वारा लाए गए कटौती प्रस्ताव के विरोध में मतदान करने पर भाजपा ने समर्थन वापसी की धमकी दे दी थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।