'श्रीलंका जांच से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है'
मानवाधिकार संगठन 'ह्यूमन राइट्स वॉच' ने कहा है कि श्रीलंका ने लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के साथ संघर्ष के दौरान हुए युद्ध अपराधों की जवाबदेही तय करने के लिए जो आयोग बनाया है, उससे स्वतंत्र अतंर्राष्ट्रीय जांच प्रभावित होगी।
संगठन ने कहा है कि श्रीलंका ने युद्ध अपराधों की जांच से ध्यान हटाने के लिए आयोग का गठन किया है। संगठन ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से युद्ध अपराधों की जवाबदेही तय करने के लिए कदम उठाने की अपील की है।
मई 2009 में श्रीलंका सेना ने लिट्टे का सफाया कर दिया था। उस वक्त राष्ट्रपति मंहिदा राजपक्षे ने मून के साथ संयुक्त पत्र पर हस्ताक्षर किया था, जिसमें वादा किया गया था कि मानवाधिकार के उल्लंघनों से संबंधित आरोपों की जांच होगी।
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक लिट्टे के खिलाफ सैन्य अभियान में 7,000 नागरिक मारे गए थे और 13,000 घायल हुए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।