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बंदोपाध्याय की टिप्पणी पर लोकसभा में हंगामा (लीड-1)

By Jaya Nigam
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इससे पहले इसी मुद्दे पर वामपंथी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित हुई थी।

सुबह प्रश्नकाल आरंभ होते ही लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार ने बंदोपाध्याय की टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "ऐसे आचरण की स्वीकृति नहीं दी जा सकती।"

उन्होंने विपक्षी सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने के लिए सहयोग देने का आग्रह किया।

आचार्य ने हालांकि कहा, "उन्हें (बंदोपाध्याय) माफी मांगनी ही होगी। यह एक सदस्य का ही नहीं बल्कि पूरे सदन का अपमान है।"

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुरली मनोहर जोशी ने कहा इससे पहले सदन में किसी ने भी ऐसा आचरण नहीं किया है। बंदोपाध्याय को सदन से माफी मांगनी चाहिए।

आचार्य और जोशी की मांग की खारिज करते हुए बंदोपाध्याय ने कहा कि मंगलवार की सदन की कार्यवाही की रिकार्डिंग देख ली जाए और यदि उसमें कुछ भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल हुआ होगा तो वह माफी मांग लेंगे।

इसके बाद लोकसभा में सदन के नेता प्रणब मुखर्जी ने भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि सदन में इससे पहले भी ऐसे दृश्य देखे गए हैं इसलिए इसे दुर्भाग्यपूर्ण नहीं कहा जा सकता। उन्होंने वामपंथी सदस्यों से मामले को खत्म करने का आग्रह किया।

इसके बावजदू वामपंथी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। माकपा सहित अन्य वामपंथी दलों के सदस्य अध्यक्ष के आसन की समीप आ गए और नारेबाजी करने लगे। इस दौरान कुमार ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "कृपया प्रश्नकाल चलने दें। सभी सदस्य प्रश्नकाल चलने देना चाहते हैं। वे प्रश्न पूछना चाहते हैं।" सत्ता पक्ष के सदस्यों को इस दौरान प्रश्न सूची पुस्तिका को हाथों में लहराते देखा गया।

लोकसभा अध्यक्ष द्वारा बार-बार आग्रह करने के बाद भी वामपंथी सदस्य नहीं मानें, तो उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

दोपहर 12 बजे जब सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तो निर्दलीय सदस्य इंदर सिंह नामधारी पीठासीन अधिकारी के तहत सदन की कार्यवाही का संचालन करने आए। उनके आते ही वामपंथी सदस्यों ने फिर से हंगामा आरंभ कर दिया।

हंगामे और शोर शराबे के बीच ही उन्होंने विधायी कामकाज निपटाए। इसके बाद वामपंथी सदस्य फिर अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और नारेबाजी करने लगे।

हंगामा जारी देख पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

ज्ञात हो कि मुंबई में मोटरमैन हड़ताल को लेकर मंगलवार को शून्यकाल के दौरान सदन में चल रही चर्चा में भाग लेते हुए बंदोपाध्याय ने आचार्य के खिलाफ ऐसी अशोभनीय और असंसदीय टिप्पणी की कि सदन में मौजूद सदस्य कुछ क्षण के लिए हक्के -बक्के रह गए थे।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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