उच्च न्यायालय ने दी बीएड अभ्यर्थियों को बड़ी राहत
उत्तर प्रदेश बीएड प्रवेशार्थी संघर्ष सिमित की तरफ से दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति एस. एन. शुक्ला ने अपने आदेश में कहा कि जिन छात्रों के स्नातक में न्यूनतम 45 फीसदी अंक हैं, वे बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। इसे लखनऊ विश्वविद्यालय आयोजित करा रहा है।
इससे पहले लखनऊ विश्वविद्यालय ने परीक्षा के लिए आवेदन में स्नातक में न्यूनतम 45 फीसदी अंक का मानक तय किया था, लेकिन बाद में राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के साथ बैठक कर न्यूनतम अंक 50 फीसदी तय कर दिया और इससे से कम अंक वाले अभ्यर्थियों के शुल्क वापस करने को कहा था।
50 फीसदी से कम अंक वाले अभ्यर्थियों की संख्या 1.50 लाख थी। अभ्यर्थियों ने इस फैसले के खिलाफ लखनऊ उच्च न्यायालय में गुहार लगाई थी।
अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार और लखनऊ विश्वविद्यालय को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
राज्य की विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में बीएड कोर्स की एक लाख सीटों के लिए होने वाली इस परीक्षा में सात लाख अभ्यर्थियों के सम्मिलित होने की संभावना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।