शांति के लिए भारत, पाक ने कदम बढ़ाए (राउंडअप)
थिंपू, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने नौ महीने बाद पहली द्विपक्षीय वार्ता की और मुंबई पर 26/11 के हमले के बाद ठप शांति प्रक्रिया को ईमानदारी से आगे बढ़ाने पर नए सिरे से विचार करने को राजी हुए।
मुंबई पर 26/11 के आतंकवादी हमले के बाद के अपने संबंधों से आगे बढ़ने का संकेत देते हुए सिंह और गिलानी ने गुरुवार को अपने विदेश मंत्रियों और विदेश सचिवों को आपसी विश्वास बहाल करने की रूपरेखा तैयार करने का निर्देश दिया, जिससे कि दोनों देशों के बीच बातचीत का रास्ता साफ हो सके।
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के शिखर सम्मेलन से इतर दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच गुरुवार दोपहर 50 मिनट तक चली वार्ता के बाद विदेश सचिव निरुपमा राव ने संवाददाताओं से कहा, "दोनों इस बात पर सहमत हुए कि आपसी भरोसे की बहाली की रूपरेखा तैयार करने का जिम्मा विदेश मंत्रियों और विदेश सचिवों का होगा, जिससे दोनों देशों के बीच वार्ता का मार्ग प्रशस्त हो सके।"
दोनों नेताओं के बीच इससे पहले नौ महीने पूर्व मिस्र के शर्म अल-शेख में वार्ता हुई थी।
राव ने कहा कि प्रधानमंत्रियों ने बहुत खुले दिमाग से वार्ता की। वे इस पर सहमत हुए कि दोनों देशों के बीच सहयोग दक्षिण एशिया के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है।
राव ने कहा, "मुख्य जोर आगे का रास्ता तैयार करने पर है।"
भारतीय विदेश सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सीमा पार आतंकवाद और घुसपैठ में हुई तेज वृद्धि पर भारत की मुख्य चिंताओं को उठाया। पाकिस्तान ने आश्वासन दिया कि उसके क्षेत्र का उपयोग भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए नहीं होगा।
राव के अनुसार गिलानी ने कहा कि मुंबई हमले के जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए पाकिस्तान गंभीर है और मुंबई हमले के आरोपियों के मुकदमे को तेजी से निपटाने के लिए सभी प्रयास होने चाहिए।
राव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मुंबई पर 26/11 के हमले के प्रमुख सूत्रधार लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद के मामले में गंभीर चिंता से गिलानी को अवगत कराया जो अभी भी भारत विरोधी गतिविधियां संचालित कर रहा है। पाकिस्तान ने कहा कि उस पर मुकदमा चलाने में कानूनी कठिनाइयां हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अलग संवाददाता सम्मेलन में कहा, "उन्होंने हमसे रूपरेखा तैयार करने को कहा। आपसी चिंताओं के सभी मुद्दे वार्ता की मेज पर हैं।"
दोनों पक्षों का दावा था कि वार्ता बहुत गर्मजोशी और हार्दिक वातावरण में हुई। कुरैशी ने कहा कि वार्ता के नतीजे से भारत और पाकिस्तान के बीच का माहौल बदल सकता है।
कुरैशी ने कहा, "यह क्षेत्र के लिए अच्छी खबर है। हमें इसके लिए खुश होना चाहिए।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।