असम में तूफान, 5 की मौत, हजारों मकान ध्वस्त (लीड-1)
गुवाहाटी, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। असम में शनिवार रात विनाशकारी तूफान की चपेट में आने से पांच लोगों की मौत हो गई और करीब 100 घायल हो गए। तूफान की वजह से 4,000 से अधिक मकानों को नुकसान पहुंचा है।
अधिकारियों ने रविवार को बताया कि शनिवार रात में आए तूफान से गुवाहाटी शहर समेत राज्य के अधिकतर हिस्सें बुरी तरह से प्रभावित रहे। तूफान का प्रभाव करीब 45 मिनट रहा।
तूफान की चपेट में आने से गोलपाड़ा और दारांग जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। विभिन्न इलाकों में तूफान के साथ-साथ तेज बारिश भी हुई। तूफान की गति लगभग 80 किलोमीटर प्रतिघंटा थी।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पूर्वी नागांव जिले में स्थित कामपुर गांव के विभिन्न अस्पतालों में रविवार को तीन लोगों की मौत हो गई। मलबे में फंसे होने की वजह से सभी को गंभीर चोटे आईं थीं।
हाल में मिली जानकारी के मुताबिक राज्यभर में तूफान से 4,000 से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कामरूप (ग्रामीण), कामरूप (शहर), नागांव, गोलपाड़ा, दारांग, चिरांग, बाकसा, नलबाड़ी और बारपेटा जिले को तूफान से सबसे अधिक नुकसान हुआ।
असम के राहत और पुनर्वास मंत्री भूमिधर बर्मन ने कहा, " शनिवार रात आए विनाशकारी तूफान से भारी क्षति हुई है और इसका आकलन किया जा रहा है। प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।"
पेड़ों के हाईटेंशन वायर्स पर गिरने की वजह से बिजली आपूर्ति ठप है और राज्य के अधिकतर हिस्से अंधेरे की गिरफ्त आ गए हैं।
पेड़ों और खंभों के उखड़ने से राजमार्ग और अन्य सड़के भी प्रभावित हुई हैं।
अधिकारियों ने बताया, " पेड़ों को हटाने का काम जारी है और बिजली आपूर्ति बहाल करने की कोशिश की जा रही है।"
गुवाहाटी में तूफान की वजह से कम से कम 30 लोग घायल हो गए। असम में 16 अप्रैल को भी तूफान आया था, जिसमें 300 से अधिक मकानों को नुकसान पहुंचा था।
मौसम विभाग ने रविवार को भी राज्य के अधिकांश हिस्सों में तेज हवाओं के साथ दो दिन तक लगातार बारिश होने की संभावना जताई है।
इस बीच भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ के कारण राज्य के 300 गांवों के 175,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि पूर्वी असम के लखीमपुर, धेमाजी, जोराहाट और तिनसुकिया जिले अधिक प्रभावित हुए हैं।
तिनसुकिया जिले में शुक्रवार को लकड़ी एकत्र करने के लिए गए दो युवक डिबरू नदी में डूब गए थे।
मंत्री ने बताया,"तूफान से प्रभावित लोग रेलवे स्टेशनों और सरकारी विद्यालयों में पड़ाव डाले हुए हैं।"
केंद्रीय जल आयोग ने कहा कि ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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