फोन टैपिग मामले को संसद में उठाएगा विपक्ष (लीड-1)
भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने आईएएनएस से कहा कि पार्टी सोमवार को संसद में इस मुद्दे को उठाने की योजना बना रही है। माकपा ने भी एक बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर संसद में स्पष्टीकरण देना चाहिए।
सीतारमण ने कहा, "यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। इसे न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। यह घटना इशारा करती है कि कांग्रेस आपातकाल के दिनों की ओर लौट रही है।"
सीतारमण आउटलुक पत्रिका की उस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दे रही थीं, जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, माकपा नेता प्रकाश करात और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के फोन कॉल्स टैप किए थे।
माकपा ने कहा कि केंद्र सरकार को चार बड़े नेताओं के फोन टैपिंग की जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए और इस संबंध में कथित आदेश देने वाले के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। पार्टी ने बयान जारी कर कहा, "सरकार को फोन टैपिंग मामले की जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए और जिसने इसके लिए आदेश दिया था, उसके खिलाफ वह कार्रवाई करे। खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों की गुप्त गतिविधियों के बचाव का बहाना नहीं बनाया जा सकता।"
माकपा ने कहा, "यह रिपोर्ट दर्शाती है कि सरकार खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्य से विपक्षी दलों के नेताओं और अपने सहयोगी दलों के नेताओं पर नजर रखने के लिए कर रही है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
*