बारिश से खिले सेब उत्पादकों के चेहरे
शिमला, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश ने सेब उत्पादकों के मन में अच्छी फसल के उत्पादन की आस जगा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि तापमान में गिरावट की वजह से भूमि की नमी बरकरार रहेगी जिससे सेब की फसल को काफी फायदा होगा।
बागवानी निदेशक गुरदेव सिंह ने आईएएनएस को बताया, "मौसम वास्तव में बहुत अच्छा बना हुआ है। मेरा अनुमान है कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष सेब का अच्छा उत्पादन होगा।"
राज्य में वर्ष 2008-09 में 510,000 टन सेब के उत्पादन की तुलना में वर्ष 2009-10 में 280,000 टन सेब का उत्पादन हुआ था। मानसून सूखा रहने और हिमपात न होने की वजह से सेब की फसल के उत्पादन में कमी दर्ज की गई थी।
वाई.एस. परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय के पूर्व संयुक्त निदेशक एस.पी. भारद्वाज ने बताया कि इस वर्ष सेब के अच्छे उत्पादन की संभावना है। बारिश की वजह से सेब के पोधों को पर्याप्त मात्रा में नमी और पोषक तत्व प्राप्त हो रहे हैं।
भारद्वाज के मुताबिक सेब की अच्छी फसल के लिए तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से 18 डिग्री सेल्सियस के बीच रहना चाहिए। वर्तमान में हुई बारिश ने तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। सेब उत्पादक क्षेत्रों में तापमान 22 डिग्री सेल्सियस से भी उपर चला गया था।
राज्य के बागवानी मंत्री नरेंद्र ब्रागटा ने कहा, "सेब की फसल के उत्पादन के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन, फसलों के सर्वेक्षण से संकेत मिले हैं कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अच्छी फसल होने की उम्मीद है।"
राज्य में फल उत्पादन में लगभग 81 फीसदी हिस्सा सेब का होता है। राज्य में सेब उद्योग 1,500 करोड़ रुपये का है। शिमला, कुल्लू, मंडी, लाहौल और स्पीती, किन्नौर और चांबा सेब उत्पादन के लिए प्रमुख जिले माने जाते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।