आईपीएल मामलों की समानांतर जांच के आदेश (राउंडअप)
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को लोकसभा में कहा, "मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि आईपीएल से जुड़े सभी मदों की जांच की जाएगी। इसमें कोष जमा करना और उसे खर्च करना प्रमुख है।"
मुखर्जी ने कहा, "जांच के बाद अनियमितता के लिए दोषी पाए गए लोगों को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा।"
कोच्चि फ्रेंचाइजी में पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर की मित्र सुनंदा पुष्कर के मुफ्त हिस्सेदारी हासिल करने पर उठे विवाद के बाद आयकर विभाग ने सबसे पहले रेंदेवू स्पोर्ट्स वर्ल्ड नामक कंपनी के खिलाफ जांच शुरू की।
इसके बाद आयकर विभाग के अधिकारियों ने मुंबई में आईपीएल के विभिन्न कार्यालयों का दौरा किया और उसके आयुक्त ललित मोदी से पूछताछ की। आयकर विभाग द्वारा कब्जे में लिए गए दस्तावेजों के बाद इसका दायरा अन्य शहरों में बढ़ाया गया।
अब वित्त मंत्रालय की विभिन्न शाखाएं इस संबंध में अपनी जांच शुरू कर रही हैं।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब मंत्रालय की चार एजेंसियों ने आईपीएल की समानांतर जांच शुरू की है। इसका समन्वय सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलीजेंस ब्यूरो करेगा।
वित्त मंत्रालय का डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस ऑन इल्लिगल ओवरसीज ट्रांजेक्शन, डायरेक्ट्रेट ऑफ इंफोर्समेंट ऑन फॉरेन एक्सचेंज ऑफेंसेज, डायरेक्ट्रेट ऑफ इनकम टैक्स इंवेस्टीगेशन इस जांच में शामिल है।
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि उनकी मुख्य चिंता यह है कि विदेशों का काला धन वैध तरीके से देश में तो नहीं लाया गया और आईपीएल और उसकी फ्रेंचाइजी टीमों ने कर कानूनों का उल्लंघन तो नहीं किया है।
उधर कंपनी मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने सोमवार को इस बात से इंकार किया कि उनका मंत्रालय आईपीएल और उसकी तमाम फ्रेंचाइजी टीमों द्वारा की जा रही कथित गड़बड़ियों की जांच के लिए स्वत: कार्रवाई करेगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में विनियामकों को संज्ञान लेना है और अगर वह हमारे ध्यान में कुछ लाते हैं तो हम उस पर उचित कार्रवाई करेंगे।
वित्त मंत्रालय द्वारा इस मामले में जांच शुरू किए जाने के बाद खुर्शीद ने संवाददाताओं से सवालिया लहजे में कहा, "मेरे मंत्रालय की ओर से स्वत: कार्रवाई आखिर क्यों की जानी चाहिए?"
कंपनी प्रकटीकरण नियमों का हवाला देते हुए खुर्शीद ने कहा, "यहां हर काम के लिए विनियामक हैं। यदि वे हमारे पास कुछ भेजते हैं, तो हम उस पर विचार करेंगे। हम सिर्फ फाइलिंग्स और फाइलिंग की उचित तारीख देखेंगे। यदि हमें कोई गड़बड़ी मिलती है, तभी हम कोई कार्रवाई करेंगे।"
खुर्शीद ने कहा, "यदि इस मामले में कोई गड़बड़ी है तो रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज इसका फैसला करेंगे, क्योंकि कंपनियों पर निगरानी रखने की उन्हीं की जिम्मेदारी है। यह उनके अधिकार क्षेत्र में है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।