जैव प्रौद्योगिकी से जैव विविधता को नुकसान न हो : रमेश
रमेश ने प्रश्नकाल के दौरान राज्यसभा में कहा, "संबंधित मंत्रालयों में आम धारणा यह है कि जैव प्रौद्योगिकी कृषि उत्पादकता को बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए एक महत्वपूर्ण औजार है। लेकिन यहीं पर यह भी हर हाल में सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उसका मानव व पशु स्वास्थ्य पर तथा जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।"
रमेश ने कहा कि जेनेटिक इंजीनियरिंग अप्रूवल कमेटी (जीईएसी) से आग्रह किया गया है कि वह बीटी बैंगन से संबंधित सभी वैज्ञानिक मुद्दों को हल करने की चिंताओं को दूर करे।
रमेश उस प्रश्न का जवाब दे रहे थे, जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या जीईएसी के दो सदस्यों और एक विशेष आमंत्रित सदस्य ने बीटी बैंगन की व्यावसायिक खेती की देश में दी गई मंजूरी से असहमति जताई थी। रमेश ने इस पर 'हां' में जवाब दिया।
इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि चिंताएं इस बात की प्रकट की गई थीं कि बीटी बैंगन पारंपरिक फसलों को दूषित कर देगा और बैंगन की जैव विविधता को नष्ट कर देगा।
रमेश ने कहा कि लेकिन पर्यावरण सुरक्षा अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि बीटी बैंगन का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।