गुर्जर प्रतिनिधियों और सरकार के बीच वार्ता अंतिम दौर में
80 हजार सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया को आरक्षण लाभ दिए जाने तक रोके रखे जाने की गुर्जर प्रतिनिधियों की मांग के कारण रविवार को तीन दौर की वार्ता में शाम को गतिरोध पैदा हो गया।
गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ीसिंह बैंसला की बीती रात मुख्यमंत्री के साथ निर्णायक पड़ाव पर पहुंची वार्ता का सिलसिला रविवार को फिर आगे बढ़ा। बैंसला के नेतृत्व में 11 सदस्यीय गुर्जर प्रतिनिधि मण्डल और राज्य के ऊर्जा मंत्री जितेन्द्र सिंह और अधिकारियों की वार्ता हुई। करीब तीन दौर तक चली वार्ता में चार सूत्री फार्मूला निकाला गया।
बैठक के बाद कर्नल किरोड़ीसिंह बैंसला और ऊर्जा मंत्री जितेन्द्र सिंह ने वार्ता को सकारात्मक बताया और कहा कि तकरीबन सभी मुद्दों पर सहमति बन चुकी है। कर्नल बैंसला ने कहा कि गुर्जर प्रतिनिधि चाहते हैं कि जब तक विशेष पिछड़े वर्ग को पांच प्रतिशत आरक्षण मिले तब तक 80 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया को रोका जाए।
बैंसला ने कहा कि समाज के प्रतिनिधि इस बारे में लिखित आश्वासन चाहते हैं। कुछ प्रतिनिधियों का कहना है कि आरक्षण मिलने के बाद भर्ती प्रक्रिया के दौरान गुर्जर युवाओं को आयु में छूट का लाभ दिया जाए ताकि उन्हें आरक्षण का लाभ मिल सके।
जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इस मसले पर आगे की वार्ता में अंतिम निर्णय किया जाएगा। हालांकि राज्य सरकार ने गुर्जर समाज की मांगों पर अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है। बैंसला ने कहा कि जब तक समझौता पूरी तरह से नहीं हो जाता, समाज का आंदोलन और महापड़ाव जारी रहेगा।
वार्ता के बाद सरकार के प्रतिनिधि जितेन्द्र सिंह ने बताया कि चार प्रमुख मांगों में से तीन पर सहमति बन गई है, लेकिन एक बिंदू पर अभी भी गतिरोध बना हुआ है, इसके लिए एक बार फिर से वार्ता होगी। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद एक-दो दिन में ही कमेटी बनाई जाएगी।
यह कमेटी 3 मई से पहले अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उन्होंने बताया कि आरक्षण नहीं मिल जाने तक नौकरियों पर रोक के विषय में चर्चा चल रही है। उन्होंने नौकरियों में आयु सीमा में छूट देने की बात भी कही।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।