छोटे उद्यमों का क्षमता से कम प्रदर्शन
रविवार को जारी एसोचैम के एक अध्ययन के अनुसार कोष की कमी, देय भुगतान में विलंब के कारण अधिकांश एमएसई क्षमता का करीब 70 प्रतिशत उत्पादन कर रहे हैं। इससे गंभीर बेचैनी है।
इस अध्ययन जारी करते हुए एसोचैम के महासचिव डी.एस.रावत ने कहा कि एमएसई के प्रदर्शन को अगले स्तर तक ले जाने के लिए काफी अधिक जमीनी कार्य करने की आवश्यकता है।
रावत ने कहा कि समय पर कोष की उपलब्धता के अलावा प्रौद्योगिकी का सीमित ज्ञान, कमजोर विपणन कौशल और कम उत्पादन क्षमता ऐसी कमजोरियां हैं जिनके कारण एमएसई की वृद्धि प्रभावित हो रही है।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में श्रमिकों की अधिक जरूरत है और उचित कीमत पर प्रशिक्षित श्रमिक नहीं उपलब्ध हैं। बहरहाल देश में कमजोर प्रदर्शन कर रहे 74 प्रतिशत छोटे तथा लघु उद्यम कोष की कमी के कारण परेशान हैं।
एसोचैम ने कहा कि सरकार को एसएमई क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन पैकेज को एक वर्ष के लिए और बढ़ा देना चाहिए, जिससे निर्यात और घरेलू उत्पादन में वृद्धि हो सके।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।