अंडे देने उड़ीसा के समुद्रतट पर पहुंचे ओलिव रिडले कछुए
एक अधिकारी ने बताया कि ये कछुए बंगाल की खाड़ी से यहां पहुंचे हैं। रिशिकुल्या समुद्रतट राज्य के उन तीन स्थानों में एक है, जहां ये कछुए अंडे देने पहुंचते हैं।
पिछले वर्ष ये कछुए 14 फरवरी को यहां पहुंचे थे लेकिन इस वर्ष इन्हें पहुंचने में एक महीने देरी हो गई है।
क्षेत्रीय वन्य अधिकारी ए.के. जेना ने आईएएनएस को बताया, "तीन हजार से अधिक कछुए सोमवार को तट पर पहुंचे। कछुओं ने तड़के एक बजे के आसपास तट पर बालू में घोंसला बनाना शुरू कर दिया। यह काम सुबह तक जारी रहा।"
इस क्षेत्र में कछुओं के संवर्धन के लिए कार्यरत संस्था-ऑपरेशन कच्छप के संयोजक विश्वजीत मोहंती ने बताया कि घोंसले बनाने का काम आमतौर पर मादा कछुआ करती हैं।
राज्य में कछुओं की शरणस्थली के रूप में मशहूर अन्य दो स्थान केंद्रपाड़ा जिले में स्थित गहिरमाथा के करीब स्थित नाली द्वीप और पुरी जिले में स्थित देवी नदी का तट हैं।
गहिरमाथा में तो कछुओं द्वारा अंडे देने की प्रक्रिया पिछले महीने ही शुरू हो चुकी है लेकिन कछुए वार्षिक प्रवास के लिए देवी नदी के तट पर अब तक नहीं पहुंचे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।