हिंदू राष्ट्र के लिए प्रार्थना में पूर्व नेपाल नरेश ने लिया हिस्सा
काठमांडू, 8 मार्च (आईएएनएस)। नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह ने सोमवार को एक प्रार्थना सभा में हिस्सा लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। यह प्रार्थना सभा एक स्वयंभू हिंदू संत द्वारा नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए आयोजित की गई थी।
नेपाल को एक धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बनाने वाले नए संविधान के लिए निर्धारित समय सीमा में अब मात्र 81 दिन ही शेष रह गए हैं।
सत्ताच्युत नरेश ज्ञानेंद्र अपनी पत्नी व पूर्व रानी कोमल के साथ काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर से लगे बांकली के जंगली इलाके में गए। वहां एक नेपाली बाबा एक महा यज्ञ कर रहा है।
कालीदास दहाल उर्फ काली बाबा ने पहली मार्च से वहां सहस्त्र रुद्रचंडी यज्ञ शुरू किया है। यह यज्ञ नौ दिनों तक चलेगा। इस यज्ञ में हजारों की संख्या में हिंदू श्रद्धालु जमा हो रहे हैं। इसमें नेपाली राजनेताओं के साथ ही संवैधानिक प्रमुख भी शामिल हो रहे हैं।
नेपाल को हिंदू राष्ट्र का दर्जा बहाल करने के लिए आयोजित पूजा-प्रार्थना में नेपाल के उपराष्ट्रपति परमानंद झा, उप प्रधानमंत्री बिजय गच्छेदार और शिक्षा एवं खेल मंत्री सरबेंद्र नाथ शुक्ला ने हिस्सा लिया।
कम्युनिस्ट और माओवादी नेता फिलहाल प्रार्थना में नहीं दिखाई दिए हैं, लेकिन नेपाली कांग्रेस के एक शीर्ष नेता सुशील कोईराला ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई है। नेपाली कांग्रेस गठबंधन सरकार की सबसे बड़ी पार्टी है।
पूर्व नरेश के प्रार्थना स्थल पर सोमवार को पहुंचने के साथ ही वहां उपस्थित जनसमूह ने उनका जोरदार स्वागत किया। फूल मालाओं से लदे ज्ञानेंद्र ने मीडिया से संक्षिप्त बात की। उन्होंने कहा कि जनता की इच्छानुसार नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाया जाना चाहिए।
ज्ञानेंद्र ने कहा, "हिंदू राष्ट्र बन जाने के बाद ही शांति स्थापित होगी।"
ज्ञात हो कि नेपाल की एक मात्र शाही पार्टी, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी-नेपाल ने पिछले महीने काठमांडू घाटी में आम हड़ताल आयोजित किया था और हिंदुत्व को राष्ट्रीय धर्म घोषित करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय का घेराव किया था।
यह शाही पार्टी देश में राजतंत्र की बहाली भी चाहती है और चाहती है कि 28 मई को नए संविधान के अस्तित्व में आने से पूर्व इन दोनों मुद्दों पर जनमत संग्रह कराया जाए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।