भीमानंद के खिलाफ मकोका लगाया गया
दक्षिण दिल्ली के पुलिस उपायुक्त एच.जी.एस. धालीवाल ने कहा, "हमने द्विवेदी के खिलाफ मकोका की धाराएं लगाई हैं।"
मकोका के तहत आरोपी छह माह तक जमानत के लिए अपील नहीं कर सकता है। इसके अलावा पुलिस उपायुक्त दर्जे का एक अधिकारी आरोपी के बयान दर्ज करता है, जिसे अदालत में सबूत के तौर पर पेश किया जाता है।
सहायक पुलिस आयुक्त इस मामले की जांच करेंगे। सामान्यतया किसी मामले की जांच निरीक्षक करता है।
द्विवेदी उर्फ इच्छाधारी संत स्वामी भीमानंद जी महाराज चित्रकूटवाले (39) को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। दक्षिण दिल्ली के साकेत इलाके से सात अन्य आरोपियों के साथ उसे गिरफ्तार किया गया था। सात अन्य आरोपियों में छह महिलाएं शामिल हैं।
एक स्थानीय अदालत ने द्विवेदी को गुरुवार को पांच दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
द्विवेदी उत्तर प्रदेश के चित्रकूट का रहने वाला है। वह 1988 में दिल्ली आ गया और शुरू में उसने सिक्यूरिटी गार्ड की नौकरी की। उसे वर्ष 1997 और 98 में देह व्यापार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
बाद में उसने अपना रूप बदल लिया और खुद को संत कहने लगा और इसकी आड़ में देह व्यापार से जुड़ गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।