वार्ता ही एकमात्र विकल्प, लेकिन आतंकवाद पर लगाम लगाना होगा : प्रधानमंत्री (लीड-2)
नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत ही एक मात्रा रास्ता है। सिंह ने साफ किया कि किसी भी अर्थपूर्ण बातचीत की प्रगति के लिए पाकिस्तान को अपनी आतंकी मशीन पर और अराजक तत्वों पर लगाम लगानी होगी।
हाल में पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तर की बातचीत को लेकर विपक्ष की आलोचना का जवाब देते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि बातचीत का निर्णय अचानक नहीं लिया गया था, बल्कि यह निर्णय सोच समझ कर और सभी नफा-नुकसान तौल कर लिया गया था।
प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर जारी चर्चा का जवाब दे रहे थे।
सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के साथ संपर्क का सिलसिला नहीं टूटना चाहिए। उन्होंने कहा, "इस मामले में सच्चाई यह है कि बाकी सारा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान के साथ बातचीत कर रहा है। इसलिए सिर्फ हमारे बातचीत न करने से वह अलग-थलग नहीं पड़ने वाला है।"
सिंह ने कहा, "हमने अपनी बात को मजबूती के साथ रखा है, लेकिन पाकिस्तान से बातचीत न करके हम समस्याओं को नहीं सुलझा सकते।"
प्रधानमंत्री ने कहा, "यहां तक कि जब शीत युद्ध अपने चरम पर था, उस समय भी अमेरिका और रूस के नेताओं ने आपस में बातचीत जारी रखा था। संवादहीनता की स्थिति में गलत धारणाएं पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है।"
सिंह ने कहा, "दक्षिण एशिया में जो भी समस्याएं हैं, उनके बारे में हमें एक-दूसरे से बात करना सीखना चाहिए। बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।"
उन्होंने इस बात से इंकार किया कि भारत-पाक वार्ता में सऊदी अरब को किसी तरह की मध्यस्थता के लिए कहा गया है। सिंह ने कहा कि दोनों देश अपने सभी मुद्दों को द्विपक्षीय स्तर पर सुलझा सकते हैं।
सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत अमेरिका के दबाव में नहीं शुरू की गई है, बल्कि बातचीत ही आज के समय एक विकल्प है जिसके जरिए दोनों देश आगे बढ़ सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि बीती 25 फरवरी को दोनों देशों के बीच नई दिल्ली में सचिव स्तर की वार्ता हुई थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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